पटना जिला ब्यूरो, बाढ़। बाढ़ के गोपाल गौशाला की स्थिति आजकल बहुत ही खराब है। अनाथ व दूध न देने वाली नठ गायों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए बाढ़ के गौरक्षणि स्थित गोपाल गौशाला का निर्माण 1911 ईस्वी में कराया किया गया था। 90 के दशक तक गोपाल गौशाला की स्थिति काफी समृद्ध थी तथा उसमें गायों और बैलों की संख्या भी 100 से अधिक होती थी। लेकिन पिछले 20 वर्षों से बाढ़ के गोपाल गौशाला की देख रेख में काफी अंतर आ गया है।
यों कहें कि गौशाला की जो निगरानी समिति है, वो बिल्कुल भी ध्यान नही देते। गौशाला का भवन जर्जर हो चुका है तथा दीवार और छत पर जंगल झाड़ उग आए हैं। ऐसे में वहां गायों का रहना भी खतरनाक हो सकता है। हालांकि अब पहले की तुलना में गायों की संख्या काफी कम रह गयी है। गौशाला का मुख्य प्रवेश द्वार बिल्कुल टूटा फूटा हुआ है, जिससे कभी भी गायों की चोरी होने का खतरा भी बना रहता है। बात दें कि गौशाला के नाम पर अच्छी खासी उपजाऊ भूमि भी है, जिसका इस्तेमाल पशुओं के लिए चारा उगाने के लिए किया जाता था, पर अब गौशाला की जमीन का भी जहां-तहां अतिक्रमण कर लिया गया है।