पटना जिला ब्यूरो, बाढ़। बाढ़ में तथाकथित होटलों पर अवैध संबंधों को बढ़ावा देने को लेकर तथा उसे रूम मुहैया कराने को लेकर बाढ़ के एएसपी भारत सोनी ने चिंता जताई है। यह बात उन्होंने तब कही जब एक होटल में नाबालिग बच्ची के साथ हुई रेप की वारदात सामने आई। पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि बाढ़ के सभी होटल मालिकों के साथ थाना स्तर पर प्रशासन के अधिकारियों को एक बैठक करनी होगी तथा उन्हें पहले समझाया जायेगा, जिसमें मानवाधिकार आयोग के भी लोगों को रखा जाएगा, जिसे एक तरह से चेतावनी के रूप में कहा जा सकता है, क्योंकि ऐसे मामले में यदि इस तरह के कोई कार्य होटल मालिक के संज्ञान में आ रहा है, तो वह तो दोषी है ही, और यदि इस तरह के कार्य हो रहे है और उनके संज्ञान में नहीं है, तो भी उसे दोषी माना जायेगा। उसके बाद यदि किसी होटल के बारे में तरह की शिकायत मिलती है, तो फिर उसपर कानूनी कार्रवाई की जायेगी।

उन्होंने यह भी बताया कि इस मामले में होटलों की नाइट राउंड और डे राउंड की चेकिंग करनी होगी और चेकिंग के लिए एक टीम गठित करके प्रक्रिया के साथ महिला फोर्स, सिविल सोसाइटी के जो एन०जी०ओ० है, उन्हें भी शामिल करना होगा, क्योंकि यह विक्टिम सेंट्रिक ऑफेंसेस हैं, क्योंकि तब जो महिला पकड़ी जाती है, वो भी विक्टिम होती है। क्योंकि कभी-कभी पति-पत्नी भी होटल में कमरा बुक कराते हैं, तो ऐसा नहीं हो कि कोई सही आदमी इसके शिकार हो जाए। यह काफी सेंसिटिव मामले होते है, इसमें ह्यूमन राइट्स और वूमेन राइट्स को भी ध्यान में रखा जाता है।

साथ ही उन्होंने डीजीपी के द्वारा जो आदेश दिए गए हैं, उसे भी मीडिया कर्मियों को बताया कि यदि कोई व्यक्ति थाने में एफआईआर करता है, तो उसकी रिसीविंग कॉपी वादी को देना अनिवार्य होगा। अगर थाना से किसी व्यक्ति को हरासमेंट किया जाता है, तो भी हमें सूचित करें ताकि उसपर कानूनी कार्रवाई की जा सके। हालांकि अक्सर ऐसा देखा गया है कि जब भी कोई व्यक्ति थाना में आवेदन देते हैं, तो सभी को उस आवेदन या कंप्लेंट पेपर की रिसीविंग कॉपी नहीं दी जाती है। डीजीपी के द्वारा इस तरह का दिया गया आदेश वास्तव में एक सराहनीय कदम है।

By LNB-9

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