बाढ़। हिंदुओं की आस्था का महापर्व छठ पूजा में अब गिनती के दिन बांकी है लेकिन घाटों की स्थिति बिल्कुल दयनीय बनी हुई है।कई घाट तो काफी खरनाक स्थिति में है जहाँ अर्घ्य देना मुश्किल होगा। दूसरी तरफ कुछ घाट ऐसे हैं जहाँ गंदगी का अंबार है। उमानाथ घाट और बनारसी घाट दो ऐसे घाट हैं। छठ पूजा में हज़ारों की संख्या में श्रद्धालु अर्घ्य देने पहुंचते हैं लेकिन घाटों पर गंदगी देखकर छठव्रती चिंतित है। नगर परिषद के द्वारा साफ सफाई का काम प्राइवेट हाथों में सौंपा तो गया है लेकिन कार्यप्रणाली काफी सुस्त नजर आ रही है। छठ पर्व के मद्देनजर नज़र नगर प्रशासन द्वारा घाटों का निरीक्षण कर तत्काल घाटों को दुरुस्त करने का कार्य शुरू कर देना चाहिए।

आपको बता दें कि बाद में सीढ़ी घाट, अलखनाथ घाट, उमानाथ घाट में दूर-दूर गांव से लोग अर्घ्य देने के लिए आते हैं। उमानाथ घाट में उत्तरायण गंगा होने के कारण अर्घ्य देने के लिए काफी भीड़ लग जाती है। परंतु इस बार उमानाथ घाट में धारा अधिक होने के कारण दीवार दिए जाने के कारण उमानाथ घाट पर अर्घ्य देना असंभव सा लग रहा है।वही घाट के आसपास स्थिति काफी भयानक है घाट के आसपास थोड़ी दूर जाने के बाद काफी गहरा जैसे डूबने की संभावना है।वही अलखनाथ घाट में रेलवे लाइन के उस पार से हजारों की संख्या में लोग अर्घ्य देने के लिए आते हैं।जहां घाट की स्थिति कुछ ठीक है।वही साफ-सफाई की काफी जरूरत है। पंचायतों में गंगा नदी के किनारे स्थानीय लोगों द्वारा घाट बना कर अर्घ्य दिया जाता है। इस बार नगर परिषद छठ पूजा को लेकर काफी सजग नहीं दिख रही है। पोस्ट ऑफिस के पास में गंगा नदी के किनारे घाट तो नहीं है परंतु हजारों की संख्या में लोग अर्घ्य देने जरूर आते हैं। वहां भी घाट बनाने की जरूरत है एवं सफाई की भी जरूरत है।

By LNB-9

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