युवा देश के भविष्य का कर्णधार हैं समुन्नत और स्वस्थ भारत की स्थापना के सपने को हमारी युवा पीढ़ी ही साकार कर सकती है। एक नवीनतम सर्वेक्षण के अनुसार भारत की कुल आबादी का 50% हिस्सा युवाओं का है। जिसमें 13 वर्ष से 25 वर्ष आयु वर्ग के युवाओं को रखा गया है। यदि इसमें 35 वर्ष आयु वर्ग को जोड़ दिया जाए तो यह भारत की कुल आबादी का 60% से अधिक युवाओं की जनसंख्या हो जाती है। इसी कारण भारत को विश्व का सबसे युवा देश कहा जाता है। यानी भारत युवाओं का देश बन चुका है। भारत में युवाओं की संख्या 3 से भी ज्यादा है। आमतौर पर 18 से 35 वर्ष आयु वर्ग के लोगों को युवा माना जाता है। इस आयु वर्ग की संख्या करीब 37 करोड़ है।( जनगणना 2011) जो कि पाकिस्तान के कुल आबादी से भी बहुत अधिक है।
लेकिन दु:खद बात यह है कि आज की हमारी युवा पीढ़ी अपने मूल उद्देश्य और कर्तव्य के रास्ते से दूर भटकाव की ओर जा रही है। आए दिन समाज में इस तरह के कई उदाहरण देखे जा सकते हैं। अपने अंदर छिपी ताकतों और हौसलों से बेखबर युवा पीढ़ी अपने आप को अनिश्चितता के दलदल में झोंक रही है। समाज में व्याप्त बुराइयों को जड़ से उखाड़ फेंकने की क्षमता रखने वाले युवापीढ़ी अपने ही हाथों अपने जीवन और भविष्य को बर्बादी की दिशा में ले जा रही है। बाहरी दिखावा और पाश्चात्य संस्कृति के चक्कर में अपने ही देश के आदर्शों और संस्कारों की बलि चढ़ा रहे युवा पीढ़ी मानसिक विकारों का शिकार हो रही है। हिंसा और अपराध की दुनिया में पहुंचकर वे अपनी अस्मिता और सम्मान के साथ खिलवाड़ कर रही है। धार्मिक आयोजनों पर फूहड़ और अश्लील गीत बजाकर नाचना, अपने बहुमूल्य समय को चंद यार दोस्तों के साथ बैठकर जुआ खेलना, शराब पीना, नशा करना, आने जाने वाली लड़कियों के साथ छेड़खानी करना, दिशाहीन हो चुके युवाओं के लिए मानो दिनचर्या जैसा बन गया हो। शायद उन्हें पता नहीं होता कि ऐसा करना अपने ही देश की संस्कृति अस्मिता और सम्मान के साथ धोखा कर रहे हैं। आजकल युवाओं के बीच पार्टियों में नशा करना फैशन बन चुका है। उन्हें लगता है कि नशे के बिना पार्टियां अधूरी रह जाएगी। देखा जा रहा है कि बहुत से कम उम्र के युवा भी गांजा, चरस और अफीम के नशे का शिकार हो चुके हैं। मजे के लिए किया जाने वाला नशा धीरे-धीरे उनके जिंदगी को अपनी गिरफ्त में कब ले लेता है इन्हें पता ही नहीं चलता। मध्यम वर्गीय परिवार के युवाओं की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। पहले नशा करना हाईप्रोफाइल युवाओं तक ही सीमित था। जब इन्हें बुरी तरह से नशे की लत लग जाती है, तो यह नशा करने के लिए चोरी लूट और हत्या जैसे वारदातों को अंजाम देते हैं । नशे की लत उन्हें अपराधी बना देता है। एक सर्वेक्षण के अनुसार आज देश में हो रही आपराधिक गतिविधियों में 70% युवाओं की भागीदारी बताई गई है। यह बिल्कुल चिंतनीय है कि पढ़ने- लिखने और अपना भविष्य को संवारने की जगह दिशाहीन युवा पीढ़ी लड़ाई झगड़ा करने, गुंडागर्दी करने, दहशत फैलाने, लोगों को परेशान करने में अपना बहुमूल्य समय बर्बाद कर देते हैं। दिशाहीन युवाओं में बढ़ती हिंसक प्रवृत्ति माता-पिता परिवार और समाज के लिए अभिशाप तो है ही अपितु देश के लिए भी घातक है।
युवा अपने माता पिता का भविष्य होते हैं माता-पिता भी अपने बच्चों को एक अच्छा व्यक्ति और भारत का एक सभ्य नागरिक के रूप में किसी अच्छे पद पर कार्य करते हुए देखने का सपना संजोते है; परंतु, दिशाहीन युवा अपनी संस्कृति और संस्कारों को भूलते जा रहे हैं। माता पिता की आज्ञा की अवहेलना कर दूसरों के बहकावे में आ जाते हैं और गलत रास्ते का चुनाव कर लेते हैं। इससे माता पिता के सपने टूट जाते हैं और सब कुछ धरा का धरा रह जाता है। बड़े -छोटे का लिहाज और सम्मान करना इनकी फितरत से दूर होता चला जा रहा है। आंखों पर झूठे अभिमान की पट्टी बाँधे ये खुद को शहंशाह समझने लगते हैं। शायद यह भूल जाते हैं कि युवावस्था की ऊर्जा और शक्ति का सही उपयोग यदि कैरियर बनाने में नहीं किया गया तो, बाद में पछताना पड़ सकता है।
बदलते दौर की चकाचौंध ने युवा पीढ़ी को लालची और स्वार्थी भी बना दिया है लोभ और लालच में पड़कर भी पैसा कमाने का शॉर्टकट तरीका अपनाने की कोशिश करते हैं वैसा इसलिए करते हैं क्योंकि उनमें मेहनत करने और धैर्य का अभाव होता है वे जल्द से जल्द दौलतमंद और धनवान बनना चाहते हैं कहा भी गया है, “अधीरता लालच की जननी है, और लालच अपराध की जननी है”। नतीजतन दिशाहीन हो चुके युवा गांजा, अफीम, शराब आदि गैर कानूनी चीजों की तश्करी शुरू कर देते हैं जोकि एक अपराध है। इस तरह के कार्यों से क्षणिक लाभ तो होता है; परंतु, भविष्य अंधकारमय ही होता है।
भारत में इंटरनेट और मोबाइल स्मार्टफोन का युवा पीढ़ी के बीच बढ़ता क्रेज भी युवाओं की बर्बादी का कारण बन रहा है यहां गौर करने वाली बात यह है कि बहुत से युवा इंटरनेट और मोबाइल का दुरुपयोग कर रहे हैं से मोबाइल और इंटरनेट का उपयोग सही दिशा में ना करके गलत दिशा की ओर अग्रसर हैं कुछ तो अपने दिनचर्या का ज्यादातर समय मोबाइल में लगे रहकर बिताते हैं व्हाट्सएप फेसबुक गेमिंग मैसेजेस टि्वटर में लगे रहकर अपने जीवन का कीमती समय बर्बाद करते हैं कई युवा इंटरनेट और मोबाइल का का इस्तेमाल साइबर अपराधी के रूप में करते हैं धीरे-धीरे वे साइबर अपराध की दुनिया के नेटवर्क में इस तरह उलझ जाते हैं जिसका अंतिम पड़ाव जेलखाना होता है फिशिंग अकाउंट हैकिंग लोगों के साथ फ्रॉड जैसे अपराध करने वालों में ज्यादातर युवा वर्ग ही शामिल है हमारे देश में बढ़ती बेरोजगारी भी युवाओं को दिशा भटकाने में कोई कसर नहीं छोड़ रखी है बेरोजगार युवा हताशा और निराशा के शिकार हो रहे हैं डॉक्टर इंजीनियर मैनेजर आईएस आईपीएस पुलिस सेना रेलवे बैंक आदि की वर्षों से तैयारी कर रहे युवाओं में बेरोजगारी के कारण डिप्रेशन बढ़ता जा रहा है बढ़ती हुई बेरोजगारी के कारण युवा अब गलत कदम उठाने लगे हैं पेट भरने के लिए वह किसी भी हद तक जाने के लिए अपने आपको तैयार कर लेते हैं आए दिन शराब कारोबारी के रूप में पकड़े जाने वाले लोग ज्यादातर युवा ही हैं बिना रोजगार के बैठा इंसान कौन सा कदम उठाएगा कोई नहीं जानता कहा भी गया है खाली दिमाग शैतान का घर होता है।
अतः युवाओं की दिशा और दशा सुधारने के लिए एक सामूहिक प्रयास की जरूरत है समय रहते इस बाबत युवाओं को दिशाहीन ता से बचाने के लिए सरकार और समाज द्वारा कोई कारगर कदम उठाने की आवश्यकता है नहीं तो यह देश के लिए घातक सिद्ध होगा।
इस संदर्भ में युवा पीढ़ी को भी यह सोचना और समझना होगा और दिशाहीन हो चुके युवाओं को सही रास्ते पर लाने की जिम्मेवारी उठानी होगी। दिशाहीन युवाओं को यह बतलाना होगा कि उनमें हनुमान की शक्ति और राम कृष्ण की अलौकिकता विराजमान है। वे ही भारत देश की शक्ति और भविष्य हैं। युवा पीढ़ी में वो जोश जज्बा और जुनून होता है, जिससे वह नित्य नई नई चुनौतियों का सामना कर सकते हैं। युवाओं के दृढ़ इच्छाशक्ति और संकल्प इतना शक्तिशाली होता है कि पर्वत भी पानी बन जाता है युवा पीढ़ी चाहे तो देश की सारी रूपरेखा को बदल सकती है। इस के लिए उन्हें खुद के अंदर छिपी बुराइयों से लड़ना होगा और विकास के पथ पर खुद के साथ-साथ देश को भी अग्रसर करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। स्वामी विवेकानंद ने युवाओं का आह्वान करते हुए कहा था, “उठो जागो और तब तक मत रुको जब तक एक सात्विक और शुद्ध लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाए” …….देश को तुम्हारी जरूरत है

error: Content is protected !!