पटना जिला ब्यूरो, बाढ़। बाढ़ अनुमंडल के पंडारक प्रखण्ड के अंचलाधिकारी महेंद्र शुक्ल पर 5000 रुपए का जुर्माना लगाया गया है। उनको अपनी लापरवाही सुधारने के लिए 1 महीने का वक़्त दिया गया है। सुधार नहीं होने पर अंचलाधिकारी के खिलाफ डिपार्टमेंटल कार्रवाई की जा सकती है। बता दें कि बाढ़ एनटीपीसी थाना अंतर्गत रैली गाँव के निवासी शिवजी पाल ने बाढ़ सब-डिविजन के लोक शिकायत निवारण ऑफिस में 6 महीने पहले एक आवेदन दिया था। 11 अक्टूबर 2022 को जमीन की नापी करने और उसपर से अवैध कब्जा हटाने की बात कही गयी थी, परंतु उनके आवेदन पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई। यह मामला पंडारक CO के पास पेंडिंग पड़ा रह गया। इसकी वजह से शिवजी पाल ने द्वितीय अपीलीय प्राधिकार सह डीएम के पास अपील की थी, जिसको लेकर पटना में आज सुनवाई करते हुए पटना डीएम के द्वारा 5000 रुपए जुर्माना किया गया तथा उन्हें शिथिलता, संवेदनहीनता और काम करने की रुचि में सुधार करने की एक महीने की मोहलत दी है।
सीओ नहीं दे पाए सटीक जवाब
आवेदन करने वाले ने मौजूद होकर अपना पक्ष डीएम के सामने रखा। बताया कि सीओ ने अनावश्यक मामले को पेंडिंग में रखा है। अपनी जांच में डीएम डा. चंद्रशेखर सिंह ने पाया कि पंडारक के अंचलाधिकारी ने आवेदन के आधार पर कोई कार्रवाई नहीं की है। साथ ही जब डीएम ने इस मामले पर उनसे बात की तो संतोषजनक जवाब नहीं मिला।
पांच हजार का लगा जुर्माना
सीओ ने केवल अपनी तरफ प्रयास किए जाने की बात कही। डीएम ने कहा कि यह अत्यंत आपत्तिजनक है, जो सीओ की लोक शिकायत निवारण के प्रति शिथिलता लापरवाही को उजागर करता है। लोक प्राधिकार का यह व्यवहार सरकारी सेवक के आचरण नियमावली के विरूद्ध है। इस कारण डीएम ने उनपर 5 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। इसके साथ ही एक महीना के अंदर मामले का समाधान करने का निर्देश दिया है। वहीं आदेश का पालन नहीं होने पर उनके विरुद्ध डिपार्टमेंटल कार्रवाई की किए जाने की चेतावनी दी गई है।