बाढ़। वसंत पंचमी के अवसर पर सरस्वती पूजा की तैयारी जोरों पर चल रही है। जहां सरस्वती के उपासक लोग पूजा की तैयारी करने में जुटे है, वहीं दूसरी तरफ मूर्तिकार माता की एक से एक मूर्तियां गढ़ने में लगे हैं। लेकिन पहले की तुलना में इन मूर्तिकारों की आमदनी में कई गुना की कमी आ गयी है, क्योंकि मूर्तिकारों का कहना है कि पहले जिस हिसाब से मूर्तियों की पूजा के लिए मांग होती थी, कोरोना की वजह से मांग में काफी कमी आ गयी है।
क्या कहना है मूर्तिकारों का?
इस बाबत जब एक मूर्तिकार अभिषेक सोनी से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि पहले हम 40-50 मूर्तियां बनाकर बेच देते थे और आमदनी भी अच्छी-खासी हो जाती थी, जिससे पूरा परिवार को चलाने में मदद मिलती थी, लेकिन अब हालात ये है कि पहले की तुलना में मूर्ति की मांग घट जाने से मात्र 10 ही मूर्तियां बनाने में लगे है, जिससे बहुत कम आमदनी होने वाली है।
इस प्रकार कोरोना पिछले दो वर्षों से इन जैसे कामगारों पर अपना कहर ढा रहा है। इनके हालात को देखने वाला कोई नही है। इनका कहना है कि महीने में 5 किलो अनाज देने से एक परिवार एक महीना तक खा नही सकता। रोजगार सबसे पहले जरूरी है। इन क्षेत्रों में भी पहले की तुलना में रोजगार में कमी देखी जा रही है।