पटना जिला ब्यूरो, बाढ़। बाढ़ अनुमंडल के बूढ़नपुर और जीतन बिगहा गांव में किसानों द्वारा फसल के अवशेष पराली को खेत में ही जलाने से प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। बता दें कि धान की कटनी होने के बाद किसान अगली फसल की तैयारी हेतु खेत में बचे धान के फसल के पराली को जलाने लगते हैं। ताकि पराली जलकर खत्म हो जाते और खेत जोतने के लिए पुनः जमीन तैयार की जा सके। परंतु पराली नष्ट करने की अन्य व्यवस्था नहीं होने के कारण किसानों द्वारा खेत में ही पराली जला दिया जाता है, जिसके कारण पर्यावरण में प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। यही हालत कमोवेश अन्य गांव की भी है, जहां किसान खेतों में ही पराली को जलाकर प्रदूषण फैला रहें हैं।

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