हनुमान बेनीवाल ने कहा कि राजस्थान में बीजेपी और कांग्रेस का गठजोड़ 1998 से चल रहा है. कांग्रेस पार्टी ने कहा था कि जब हम सत्ता में आएंगे तो बीजेपी के भ्रष्टाचार की जांच करेंगे. कोई जांच नहीं हुई.
नई दिल्ली:
राजस्थान में अपनी ही सरकार के ख़िलाफ़ सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने मंगलवार को एक दिन का अनशन किया. विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उनके इस बगावत को लेकर राजनीतिक अटकलें लगाई जा रही है. राजस्थान में लगातार बनते बिगड़ते समीकरणों के बीच एनडीटीवी ने आरएलपी नेता हनुमान बेनीवाल से बात की है. राजस्थान में बीजेपी और कांग्रेस का गठजोड़ 1998 से चल रहा है. कांग्रेस पार्टीने कहा था कि जब हम सत्ता में आएंगे तो बीजेपी के भ्रष्टाचार की जांच करेंगे. लेकिन कोई जांच नहीं हुई. सत्ता में आने से पहले ये लोग भ्रष्टाचार पर कार्रवाई की बात करते हैं लेकिन सत्ता में आने के बाद ये भूल जाते हैं. पिछले 25 साल से राजस्थान की राजनीति 2 ही लोगों के आसपास घूमती रही है.
हमारे विधायक सचिन पायलट को समर्थन देते : हनुमान बेनीवाल
हनुमान बेनीवाल कहा कि अगर सचिन पायलट सीएम बनते तो आरएलपी पार्टी के तीन विधायक उन्हें समर्थन देते. हम पायलट के साथ खड़े थे. राजस्थान का हर युवा चाहता है कि बीजेपी को रोका जाए और कांग्रेस को घर बैठा दिया जाए. उन्होंने कहा कि अगर सचिन पायलट कांग्रेस पार्टी में ही रहते हैं तो हमारा उनसे कोई गठबंधन नहीं होगा. अगर वो कांग्रेस छोड़कर अपनी अलग पार्टी बनाते हैं तो हमारी पार्टी आरएलपी उनके साथ गठबंधन करेगी. आरएलपी और सचिन पायलट मिलकर कांग्रेस और बीजेपी को रोक देंगे.
“विधानसभा चुनाव में कांग्रेस तीसरे नंबर पर चली जाएगी”
आरएलपी नेता ने कहा कि इस बार के चुनाव में कांग्रेस तीसरे नंबर पर चली जाएगी. और बीजेपी को भी सत्ता में आने से हम रोक देंगे. अगर सचिन पायलट हमारे साथ आते हैं तो उनका स्वागत है. साथ ही उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के मुद्दों को सिर्फ उठाने से काम नहीं चलेगा. मैंने 2009 में ही इन मुद्दों को उठाकर बीजेपी से गठबंधन तोड़ लिया था. आरएलपी नेता ने कहा कि हम कांग्रेस और बीजेपी को रोकने वाले हर दल और गठबंधन के साथ हैं.
वसुंधरा राजे सरकार पर 45 हजार करोड़ के भ्रष्टाचार के आरोप पायलट ने लगाए हैं
इससे पहले 9 अप्रैल को सचिन पायलट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर वसुंधरा राजे सरकार पर करीब 45 हजार करोड़ के भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. अशोक गहलोत ने वादा किया था कि सरकार में आने पर इनकी जांच कर कार्रवाई करेंगे, लेकिन सवा चार साल बीतने के बाद भी सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की. पायलट ने कहा- ‘मैंने दो बार मुख्यमंत्री गहलोत को इस संबंध में चिट्ठी लिखी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला, इसलिए कार्रवाई की मांग को लेकर मैं अनशन पर बैठ रहा हूं.’
बहरहाल, सचिन पायलट का भ्रष्टाचार के खिलाफ अनशन ऐसे समय में हुआ, जब कांग्रेस राजस्थान में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों और विधानसभा उपचुनावों के लिए कमर कस रही है. पायलट के कदम को गहलोत पर दबाव बनाने और राज्य की राजनीति में अपना प्रभाव बढ़ाने के तरीके के रूप में देखा जा रहा है.