पटना जिला ब्यूरो, बाढ़। बाढ़ के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सुजीत कुमार सोनू ने प्रखंड के एक शिक्षक को कार्यालय तथा वर्ग कक्ष में मोबाइल का लुत्फ उठाते हुए रंगे हाथ पकड़ा, जिसके बाद शिक्षकों को चेताया गया है। उन्होंने पत्र में कहा है कि यदि किसी भी शिक्षक के हाथ में निरीक्षण के क्रम में मोबाइल देखते हुए पाया गया, उसका एक दिन का वेतन में कटौती तथा अनुशासनिक कार्रवाई करने की अनुशंसा कर दी जाएगी। वहीं उन्होंने निर्देश दिया है कि शिक्षक एवं शिक्षिका ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने के बाद अपने अपने मोबाइल को प्रधानाध्यापक के पास जमा कर देंगे और स्कूल से प्रस्थान करने के 10 मिनट पूर्व संबंधित व्यक्ति को मोबाइल सुपुर्द किया जाएगा। इस तरह का आदेश निर्गत करने के बाद शिक्षकों में हड़कंप मच गया है, तो वहीं इस आदेश की आलोचना भी शुरू हो गई है। आमलोगों का कहना है कि शिक्षक को भी किसी बात के लिए अर्जेंट कॉल आ सकता है या फिर मोबाइल का इस्तेमाल बच्चों के पठन पाठन हेतु सामग्री देखने हेतु भी किया जा सकता है। आज के समय में मोबाइल पर्सनल वस्तु की गिनती में आता है, जिसे किसी दूसरे के पास सौंपने का प्रश्न पैदा ही नहीं होता। कई लोग इसे तुगलकी फ़रमान बता रहे हैं। तो वहीं कुछ लोगों का मानना है कि वर्ग कक्ष में कई शिक्षक मोबाइल देखते हुए नजर आते है और सोशल मीडिया का लुत्फ उठाते हैं, जिससे बच्चों के पठन-पाठन में बाधा पहुंचती है। इसलिए कई लोग इस आदेश को सही करार दे रहे हैं।

हालांकि जिला शिक्षा पदाधिकारी (पटना) के ज्ञापांक – 10095, दिनांक – 23/08/2024 के आदेशानुसार किसी शिक्षक या शिक्षकेतर कर्मी का विशेष परिस्थिति में अनुशंसा के साथ जिला शिक्षा पदाधिकारी की सहमति प्राप्त करने के उपरांत ही वेतन बंद, स्थगित अथवा वेतन कटौती की कार्रवाई की जा सकती है।

By LNB-9

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