पटना जिला ब्यूरो, बाढ़। लघु सिंचाई विभाग इन दिनों पंचायत के जनप्रतिनिधियों के कार्यशैली से बेहद परेशान हैं। हालात यह है कि सरकारी नलकूप रिपेयरिंग के नाम पर वर्ष 2018-19 से लेकर वर्ष 2020-21 वित्तीय वर्ष में लाखों-लाख रुपए डकार चुके हैं। यह विभाग के पदाधिकारी और विभागीय पत्र का कहना है। जानकारी के मुताबिक कार्यालय अभियंता लघु सिंचाई प्रमंडल पटना के पत्रांक-1747 दिनांक-12/07/2022 के जारी पत्र में बाढ़ अनुमंडल के करीब दर्जन भर से ज्यादा पंचायत के मुखिया और पंचायत सचिव को विभाग ने यथाशीघ्र नलकूप रिपेयरिंग मामले में पंचायत द्वारा निकासी की गई राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र की मांग की है, जिसको लेकर प्रखंड कार्यालय में हड़कंप मचा हुआ है। क्योंकि कई पंचायत के मुखिया और पंचायत सचिव के हस्ताक्षर से बिना नलकूप के रिपेयरिंग के ही लाखों लाख रुपये की निकासी हो चुकी है, जिसका जीता-जागता उदाहरण पंडारक प्रखंड के अजगरा बकावां पंचायत है, जहां की वर्तमान मुखिया जय श्री और मुखिया प्रतिनिधि संजय सिंह के द्वारा करीब 9 लाख रुपये का वारे-न्यारे कर लिये गए।
पंचायत के चकरही, अजगरा, वाजिदपुर और बकावां गांव में सरकारी नलकूप निर्माण के नाम पर बिना रिपेयरिंग कराए हुए ही राशि की निकासी कर ली गई है। बकावां गांव में नलकूप का एक मोटर बोरिंग में ही गिर गया है, जिसको लेकर भी लोग परेशान हैं। किसान के बीच हाहाकार मची हुई है। पटवन के लिए वही विभाग अब खर्च किए गए पैसे का हिसाब जुटाने में परेशान हैं। मामले को लेकर जब विभाग के जूनियर इंजीनियर अमिताभ भारती से बात की गई तो उन्होंने मुखिया के द्वारा किए गए खेल-बेल के बारे में चिंता जाहिर करते हुए विभागीय पत्र का हवाला दिया और इसके लिए लगातार प्रयास में जुटे हैं कि पैसे निकासी के बाद भी नहीं कराए गए काम को किसी तरह दबाव बनाकर कराया जाए।
पंचायत के वर्तमान मुखिया प्रतिनिधि कुंदन कुमार से जब बात की गई, तो उन्होंने भी किसानों की परेशानी पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि सरकार के द्वारा पैसा आवंटित किए जाने के बाद भी जब मोटर बोरिंग चालू नहीं हो पाया है, तो इससे सबसे ज्यादा परेशानी किसानों को हो रही है। किसान हर दिन उन्हें परेशान कर रहे हैं। अमिताभ भारती ने बताया कि विभाग के एसडीओ अरविंद चौधरी पटना सदर में बैठते हैं। बाढ़ प्रखंड के भी कई पंचायत में अभी तक एमबी बुक नहीं होने का मामला सामने आया है, जिसमें सरकट्टी सैदपुर और अगवानपुर पंचायत शामिल है। सवाल उठता है कि एक तरफ मानसून की दगाबाजी के चलते किसानों ने किसी तरह अपने खेत में कीचड़ कर धान लगा तो दिया है, लेकिन अब उन्हें मोटर बोरिंग नहीं चालू होने के चलते फसल मर जाने का डर सताने लगा है, जिसको लेकर किसान बेहद परेशान हैं। लेकिन विभाग सिर्फ एमबी बुक कराने के लिए परेशान हैं, ताकि विभाग के कर्मी पर गाज़ ना गिरे। विभाग के पदाधिकारी अब प्राथमिकी दर्ज करने की तैयारी में है।