पटना जिला ब्यूरो, बाढ़। बाढ़ अनुमंडल के अथमलगोला प्रखंड के रामनगर दियारा पंचायत के लोग गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर से आतंकित हैं। इस पंचायत के कई वार्ड पानी में डूब चुके हैं। घरों में पानी घुस गया है तथा लोग रहने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की तलाश में हैं। कई घर ऐसे हैं, जहां से लोग छाती भर पानी में घुसकर निकलते हैं। ऐसी स्थिति में बच्चों के डूबने का भी खतरा बरकरार हो गया है।
प्राइमरी स्कूल व मवेशियो का आश्रय हुआ पानी-पानी!
इस पंचायत का एक प्राइमरी स्कूल भी पानी में डूब गया है और बच्चों की पढ़ाई-लिखाई भी बाधित हो चुकी है। मवेशियों के आश्रय भी डूब चुके हैं। कई लोगों ने तो अपने मवेशियों को सड़क के किनारे लाकर बांध दिया है। गांव के अंदर एक टोला से दूसरे टोला तक जाने वाली सड़कें टूट गई है और सड़कों पर पानी बह रहा है। लोग अपनी जान की परवाह किए बिना पानी में घुसकर अपना काम-काज निपटाने की कोशिश कर रहें हैं।
स्थानीय लोगों को हो रही परेशानी
स्थानीय लोगों ने बताया कि अगर इसी तरह से गंगा का जलस्तर बढ़ता रहा, तो छोटे-मोटे पुल-पुलिया सहित पूरा गांव पानी के चपेट में आ जाएगा तथा गांव एवं शहर के बीच संपर्क टूट जाएगा। गांव के कुछ लोगों ने कहा कि पानी घर में घुस चुका है, लेकिन सरकार व प्रशासन की ओर से अभी तक किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं की गई है।
आपको बता दें कि बाढ़ अनुमंडल में अथमलगोला प्रखंड का रामनगर दियारा पंचायत एक ऐसा गांव है, जहां प्रत्येक साल गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि होने से बाढ़ आ जाती है और लोगों को इसका दंश झेलना पड़ता है। पानी भर जाने से गांव में लगी हुई फसलें तो नष्ट होती ही है, लोगों को जान एवं माल का नुकसान भी झेलना पड़ता है।
चारो तरफ पानी भर जाने से जहरीले जीव-जंतु बिल से बाहर निकल आते हैं और वो इधर-उधर फैल जाते हैं। ऐसे जीव-जंतुओं के काटने का खतरा भी बना रहता है। गांव को एनएच से जोड़ने वाली एक छोटी पुलिया के ऊपर से गंगा का पानी बह रहा है। पुलिया काफी पुरानी है, जिसका टूटने का भी खतरा बना हुआ है।
बाढ़ अनुमंडल की विडंबना यह है कि एक तरफ गांव में सुखा पड़ा है, जहां खेतों में लगे धान बूंद-बूंद पानी को तरस रहें हैं, वहीं दूसरी तरफ गंगा में आई बाढ़ अब विकराल रूप लेने लगी है, जिसका निदान प्रशासनिक स्तर पर ही हो सकता है।