पटना जिला ब्यूरो, बाढ़। बिहार के विभिन्न गंगा घाटों पर गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। गंगा नदी हर ठिकानों पर अपने खतरे के निशान से ऊपर बहना शुरू कर दिया है। गंगा नदी के तटबंध पर रहने वाले लोगों को अब कटाव से नुकसान पहुंचना शुरू हो गया है। गंगा अपना रूद्र रूप लेकर निरंतर बह रही है, लेकिन इस दौरान लोग अपने जीवन को खतरे में डालकर समुद्र जैसी दिखने वाली गंगा नदी में छोटे-छोटे नाव लेकर उसपर ओवरलोड सामान रखकर आना-जाना कर रहे हैं। जिसके चलते कभी भी बड़ी हादसा हो सकता है। इतना ही नहीं बाढ़ के पोस्ट ऑफिस घाट से लेकर कचहरी घाट तक छोटे-छोटे नाव पर बच्चे भी सवारी करते हुए नदी की धार में गंगा के दियारा इलाके आना-जाना कर रहे हैं। जो कभी भी हादसा का शिकार हो सकता है। प्रशासन इस गंभीर समस्या पर ध्यान नहीं दे रही है और ना ही इस गंभीर समस्या को रोकने के लिए कोई प्रयास नहीं कर रहा है। बाढ़ के उमाननाथ गंगा घाट पर दियारा इलाके से सब्जी लेकर लोग हर दिन सुबह व्यापार करने के लिए गंगा के इस पर आ रहे हैं और उनके नाव पर ओवरलोड सामान और आदमी होने के चलते तेज धार में कभी भी नाव डूब सकता है। बाढ़ के अनुमंडल पदाधिकारी डॉ कुंदन कुमार माघी पूर्णिमा या कार्तिक पूर्णिमा में नौका चालन पर प्रतिबंध तो लगाते हैं पर यह नियम कड़ाई से लागू नहीं होता है। जिसके चलते कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है।