पटना जिला ब्यूरो, LNB-9। राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की 117 वीं जयंती पर संझाबाती पत्रिका द्वारा बाढ़ के अचुआरा गांव स्थित बिहार केसरी श्री बाबू पुस्तकालय में पुष्पांजलि समारोह आयोजित कर उनकी तस्वीर पर श्रद्धा-सुमन अर्पित करते हुए उनके आदर्श व्यक्तित्व और कालजयी कृतित्व को शिद्दत से याद किया गया। मुख्य अतिथि डॉ वरुण शर्मा ने उन्हें राष्ट्रीयता और सांस्कृतिक चेतना का ओजस्वी नायक बताते हुए कहा कि उनकी कालजयी रचनाएं युगों-युगों तक समाज और देश-दुनिया को प्रेरित करती रहेंगी।
संयोजक पुस्तकालय के सचिव सह संझाबाती पत्रिका के संपादक कवि-लेखक हेमंत कुमार ने कहा कि दिनकर के विचार और रचनाओं में जो शक्ति है वह उन्हें अमर बनाए रखेंगी। उन्हें पद और गद्य दोनों में महारत हासिल थी। विशिष्ट अतिथि शिक्षाविद सत्येन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा कि वह ओज और शौर्य के ऐसे तेजस्वी कवि थे जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्र के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाई। वरिष्ठ कवि सतीश शांडिल्य ने कहा कि दिनकर की रचनाओं में मुर्दों में जान फूंकने की ताकत है। योग प्रशिक्षक सह समाजसेवी हरिनारायण प्रधान ने कहा कि दिनकर हमें अत्याचार और शोषण के खिलाफ लड़ने को प्रेरित करते हैं। अध्यक्षीय संबोधन में राष्ट्रपति पदक प्राप्त शिक्षाविद सह साहित्यकार राजकिशोर उन्मुक्त ने कहा कि मूलतः वे विद्रोह और प्रतिरोध के कवि थे। उनकी अनमोल रचनाएं हमें सदैव अन्याय और विषमता के विरोध में उठ खड़े होने का हौसला देती रहेगी। समारोह में बिहार राज्य मगही अकादमी के पूर्व सदस्य भाई बालेश्वर, वरिष्ठ नाटककार बालमुकुंद शर्मा, अवकाश प्राप्त शिक्षक सुरेश चंद्र प्रसाद सिंह, समाजसेवी रामकुमार शर्मा “मुखिया जी”, भाजपा नेता संतोष कुमार, इंडियन बैंक के अधिकारी सह कवि-कथाकार ऋषिराज, वरिष्ठ समाजसेवी अरुण कुमार, इंजीनियर हर्षवर्धन सुमन, मानस मर्मज्ञ ब्यास सुधीर कुमार, कवि संजय कुमार, समाजसेवी राममूर्ति सिंह, कवि विभूति भूषण, गोपाल कुमार सागर, ईशु कुमार सिंह “उपदेश”, युवा रंगकर्मी अमित कुमार, अविनाश कुमार, दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष राकेश कुमार, समाजसेवी अनिल सिंह, विक्की यादव, राजकुमार शर्मा, छात्र नेता शिवराज सिंह, नंदन कुमार, कबड्डी कप्तान हर्ष कुमार, विनीत कुमार “पिट्टू”,आकाश कुमार “विक्की”,अनमोल कुमार , गोलू कुमार, विशाल कुमार एवं गौरी स्तुति आदि ने अपने सारगर्भित विचार व्यक्त किये।