बाढ़। ग्रामीण सामाजिक अंकेक्षण सोसायटी ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा मोर पश्चिमी पंचायत में वार्ड संख्या-6 में ग्रामीणों की विकास संबंधित अंकेक्षण का कार्य किया, जिसमें धांधली का मामला प्रकाश में आया है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून 2005 के तहत तत्कालीन प्रधान के समय में कई मजदूरों ने काम किया था। काम करने के बदले में मिलने वाली मजदूरी में कटौती की गई। उस समय प्रत्येक मजदूर को कार्यक्रम के तहत 198 रुपये मजदूरी देय थी, लेकिन मजदूरों को 150 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी दी गयी थी। इससे यह प्रतीत होता है कि 48 रुपये का पदाधिकारी के द्वारा बंदरबांट किया गया। दूसरी तरफ कुछ मजदूर यह भी बताते है कि काम करने के बाद भी 14-15 दिन की मजदूरी कई मजदूरों को नही मिल पाई है। मजदूरी उपलब्ध कराने के बदले में 300-500 रुपये नाजायज़ वसूली की बात बताई जा रही है। कई मजदूरों का कहना है कि पॉश मशीन पर अंगूठा लगवा लिया जाता है और पैसे की लूट-खसोट की जा रही है।