बाढ़। मंगलवार 8 नवंबर से हिंदुओं की आस्था का महापर्व चार दिवसीय छठ पूजा की शुरुआत नहाय-खाय के दिन से हो गई। इस अवसर पर बाढ़ के सभी गंगा घाटों पर छठव्रतियों के काफी भीड़ देखी गई। नहाय-खाय के दिन छठव्रती गंगा में स्नान करते हैं तथा गंगाजल बर्तन में भरकर घर को ले जाते हैं। मान्यता है कि गंगा के जल में प्रसाद बनाने से प्रसाद स्वादिष्ट बनता है तथा शुद्धिकरण के लिए घर में इसका इस्तेमाल किया जाता है। नहाय-खाय के दिन छठव्रती स्नान करने के बाद ही खाना बनातें है तथा उसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करते है। इस दिन को कद्दू-भात के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन कद्दू (लौकी) की सब्जी बनाने तथा दाल में डालकर बनाने का खास महत्व है। इस प्रकार से छठ व्रत का प्रथम दिन सम्पन्न होता है।