पटना जिला ब्यूरो, बाढ़। बुधवार को बाढ़ के नवनिर्मित अनुमंडलीय अस्पताल का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उद्घाटन करने पहुंचने वाले थे। इस बीच जब पत्रकार नीतीश कुमार के इस कार्यक्रम का कवरेज करने के लिए पहुंचे तो प्रशासन के द्वारा उन्हें मुख्य गेट पर रोक दिया गया और प्रोटोकॉल का हवाला देते हुए प्रशासन ने बाढ़ के किसी भी पत्रकार को घुसने नहीं दिया, जिससे पत्रकार आक्रोशित हो गए। कई पत्रकारों ने कहा कि मीडिया जो लोकतंत्र का चौथा खंभा होता है, उसे दबाने की कोशिश शुरू कर दी गई है और इस तरह से एक नई परंपरा विकसित की जा रही है। ऐसे में पत्रकार, जो सरकार और जनता के बीच की कड़ी होते हैं, वो किस तरह से काम कर सकेंगे।
इस सम्बन्ध में जब पत्रकारों ने विरोध करना शुरू किया और कार्यक्रम का बहिष्कार करने की ठानी, तो फिर प्रशासन ने पत्रकारों को आई कार्ड दिखाकर अंदर जाने की अनुमति दे दी। हालांकि अंदर व्यवस्था में भी कमी पाई गई। अंदर कहीं कोई पत्रकार दीर्घा नहीं बनाया गया था। जब बारिश शुरू हुई तो सभी अव्यवस्था के कारण पानी में भीगते रहे और इसी दौरान मुख्यमंत्री पहुंच गए। किसी तरह से पत्रकार थोड़ी बहुत कवरेज कर पाए। पत्रकारों के अंदर जाने देने के बाद भी उन्हें एक कोने में रखा गया, जहां से कार्यक्रम का कवरेज हो पाना मुश्किल हो रहा था। एक वरिष्ठ पत्रकार सत्यनारायण चतुर्वेदी ने बताया कि विगत 50 वर्षों में ऐसी कुव्यवस्था और पत्रकारों के प्रति इस तरह की भावना कभी नहीं देखी गई। पत्रकारों को कहीं इसलिए तो घुसने से मना नहीं किया जाता कि अगर कोई अव्यवस्था या कुव्यवस्था हो, तो उसकी जानकारी जनता को नहीं मिल सके। लोकतंत्र के चौथे खंभे के साथ बढ़ता हुआ दुर्व्यवहार कहीं न कहीं लोकतंत्र पर हमला है।
वहीं कुव्यवस्था को लेकर स्थानीय कार्यकर्ताओं ने भी काफी नाराजगी दिखी। स्थानीय कार्यकर्ता बाढ़ के जेडीयू के नगर अध्यक्ष देवराज शर्मा उर्फ भोला जी एवं जदयू के नेता शंकर सिंह आदि काफी नाराज दिखे।
वहीं इस अवसर पर बाढ़ नगर परिषद के मुख्य पार्षद संजय कुमार उर्फ गाय माता गुलदस्ता लेकर पहुंचे तो उन्हें गेट पर पहले रोका गया। साथ ही बैरिकेटिंग के दूसरी तरफ सभी कार्यकर्ताओं के साथ मुख्य पार्षद को भी खड़ा कर दिया। इससे नाराज मुख्य पार्षद ने नीतीश कुमार के लिए लाया गुलदस्ता फेंक दिया और काफी नाराजगी जाहिर की।