बाढ़। बाढ़ अनुमंडल के कई प्रखंडों में आलू की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। किसान कई एकड़ भूमि में आलू की खेती करते हैं। हालांकि आलू की खेती में काफी मेहनत होती है और चूहे भी इस खेत को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं। बावजूद इसके इस बार किसानों को फायदा पहुंचने की संभावना है। पंडारक प्रखंड के ढीवर पंचायत के एक किसान लाला कुमार ने कई बीघा भूमि पर आलू की खेती की, जिसे अब निकाला जा रहा है। उसने बताया कि आलू की खेती करने में काफी मेहनत लगती है। पिछली बार इसमें नुकसान हुआ था।
आलू की बुवाई करने के बाद उसकी निराई की जाती है, फिर उसकी भराई की जाती है। इसके बाद फिर क्यारी बनाई जाती है, 5-6 बार पानी देना पड़ता है तथा 3-4 बार कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव करना पड़ता है। उसके बाद जाकर फसल तैयार होती है। उसने बताया कि इस बार आलू की पैदावार अच्छी गयी है। पिछली बार एक कट्ठा में 6-7 मन ही आलू की उपज हुई थी, जबकि इस बार औसत 10-12 मन आलू की उपज हुई है। इस बार पहले की अपेक्षा फायदा होने की उन्होंने बात बताई।