ब्रिटिश काल में पहली बार भारत में 7 अप्रैल 1860 को बजट पेश किया गया था. ये बजट (First Colonial Budget) स्कॉटिश अर्थशास्त्री और राजनेता जेम्स विल्सन ने पेश किया था.

James Wilson

बजट सरकार द्वारा सालभर का देश की आय और खर्च का लेखा-जोखा होता है. इसे पेश करने की शुरुआत ब्रिटेन में हुई थी. ब्रिटिश काल में पहली बार भारत में 7 अप्रैल 1860 को बजट पेश किया गया था. ये बजट (First Colonial Budget) स्कॉटिश अर्थशास्त्री और राजनेता जेम्स विल्सन ने पेश किया था.

Jawaharlal Nehru

अब बजट दोपहर में 11 बजे पेश किया जाता है. इससे पहले ब्रिटिश काल में बजट शाम 5 बजे पेश किया जाता था. ऐसा इसलिए किया जाता था, ताकि रात भर बजट पर काम करने वाले अधिकारियों को थोड़ा आराम मिल सके. भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू भारत का बजट पेश करने वाले शीर्ष पद पर पहले व्यक्ति थे, जब उन्होंने 1958-59 में वित्त विभाग संभाला था.

Morarji Desai

सबसे अधिक बार भारत का बजट मोरारजी देसाई ने पेश किया है. मोरारजी देसाई ने वित्त मंत्री के रूप में दस बार देश का बजट पेश किया है. इसमें आठ बजट और दो अंतरिम बजट शामिल हैं. मोरारजी देसाई के बाद यूपीए में वित्त मंत्री रहे पी. चिदंबरम ने 9 बार और प्रणब मुखर्जी ने 8 बार बजट पेश किया. यशवंत सिन्हा 8 बार और मनमोहन सिंह ने 6 बार बजट पेश किया था.

जॉन मथाई

केसी नियोगी (Kshitish Chandra Neogy) भारत के अकेले ऐसे वित्त मंत्री हुए, जिन्होंने एक भी बजट पेश नहीं किया. वे 35 दिनों तक 1948 में वित्त मंत्री रहे और उनके बाद जॉन मथाई भारत के तीसरे वित्त मंत्री बने. 1955 तक बजट सिर्फ अंग्रेजी में प्रकाशित किया जाता था, लेकिन 1955-56 से सरकार ने इसे हिंदी में भी प्रकाशित करना शुरू कर दिया.

Indira Gandhi

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) आजाद भारत का बजट पेश करने वाली पहली महिला बनीं. प्रधानमंत्री के तौर पर उन्होंने वित्त विभाग भी संभाला था.

Niramala Sitaraman

5 जुलाई, 2019 को निर्मला सीतारमण देश का बजट पेश करने वाली भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री बनीं. मतलब निर्मला सीतारमण से पहले कोई ऐसी महिला नहीं थीं, जो केवल वित्त मंत्री रही हों. भाजपा सरकार ने लाल बैग की परंपरा को खत्म किया. निर्मला सीतारमण ने साल 2019 में ब्रीफकेस के बजाय बही-खाता (पारंपरिक लाल कपड़े में लिपटे कागज) में बजट डॉक्यूमेंट्स को ले जाने की प्रथा शुरू की.

Paperless Budget

भारतीय इतिहास में पहली बार 2021 में बजट पूरी तरह से पेपरलेस हो गया. इसकी छपाई नहीं की गई. सभी सांसदों और सरकारी अधिकारियों को आधिकारिक वेबसाइट के जरिये इसे प्राप्त किया. यहां तक​ कि साल 2021 में जारी किया गया आर्थिक सर्वेक्षण भी पूरी तरह से पेपरलेस था. सबसे पहले जब ब्रिटेन के वित्त मंत्री संसद में सरकार का खर्च और आय की जानकारी देते थे और इसे चमड़े के लाल बैग में लाया जाता था.

By LNB-9

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