पटना जिला ब्यूरो, बाढ़। बाढ़ प्रखंड कार्यालय से सटे अंचलाधिकारी जितेंद्र कुमार की आवास के बगल में इन दिनों अंचल कार्यालय का काम-धाम होता है, लेकिन यहां सरकारी कर्मी से ज्यादा प्राइवेट दलाल हैं और यह प्राइवेट दलाल के पास सारे सरकारी फाइल और दस्तावेज पड़े हुए हैं। लोग सरकारी सेवक को खोजने से पहले दलाल के पास जाते हैं और उनके द्वारा मांगे गए राशि अदा करने के बाद ही सरकारी कर्मी उस पर हस्ताक्षर करते हैं, जिसको लेकर दर्जनों लोग हर दिन दलालों के हत्थे चढ़ते हैं। जानकारों की माने तो प्रत्येक महीना कई लाख रुपए का कारोबार इस कार्यालय में अवैध रूप से होता है। कुछ ऐसे दलाल हैं जो करीब एक दशक से इस कार्यालय में कुंडली मारकर बैठे हुए हैं। कई बार स्थानीय पीड़ित के द्वारा जमीन संबंधी कामकाज में मोटी रकम की मांग तक की जाती है और पदाधिकारी से शिकायत के बावजूद भी कोई असर नहीं होने पर मजबूरी में उन्हें वह राशि अदा करनी पड़ती है। वरीय पदाधिकारी से जब शिकायत की जाती है तो कुछ दिन के लिए दलाल उस कार्यालय को छोड़कर चलंत कार्यालय बना लेते हैं और फिर से कारोबार चलना शुरू हो जाता है।
बेलछी प्रखंड में भी इसी तरह का कारोबार जारी है। दुर्जन चक इलाके में आज भी चलंत तरीके से अंचल कार्यालय का सरकारी काम छुपे रुस्तम चल रहा है। जमीन जायदाद से जुड़े काम के लिए लोगों को अलग-अलग स्थान पर बुलाकर दलाल के माध्यम से पैसे की वसूली किए जाने के बाद काम पर मुहर लगाई जाती है, जिसको लेकर इलाके के भूस्वामी एवं छोटे-मोटे जमीन जायदाद के मालिक काफी परेशान हैं। स्थानीय परेशान लोगों ने अब जिलाधिकारी से इसकी लिखित शिकायत किए जाने की बात कही है। मामले पर जब बाढ़ के अंचलाधिकारी जितेंद्र कुमार से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि कुछ लोग पुराने समय से सहयोग के लिए सरकारी कर्मी के साथ रहते हैं।