बाढ़। बाढ़ का एकमात्र अनुमंडलीय लाइब्रेरी स्टाफ के बिना धूल फांक रहा है। लाखों रुपए की लागत से लाइब्रेरी का निर्माण तो करा दिया गया है, लेकिन इसे देख-रेख करने वाला कोई नहीं है और लगभग एक साल से न तो उसमें किसी प्रकार का मैगजीन आता है, न ही कोई स्टाफ है। मौखिक रूप से एक स्टाफ को रखा गया है लेकिन वह अवैतनिक है, इसलिए जब मर्जी खोलता है, जब मर्जी बंद रखता है। वहीं दूसरी तरफ, अनुमंडलीय लाइब्रेरी में कुछ नए इक्विपमेंट्स खरीदे गए थे, जिसमें कंप्यूटर, जेनरेटर, कुर्सियां, डेस्क तथा अलमीरा शामिल है, लेकिन लाइब्रेरी से कई कुर्सियां गायब है, वहीं कम्प्यूटर का सीपीयू भी गायब कर लिया गया है। लाइब्रेरी में पुस्तकालय अध्यक्ष का कुर्सी यूं ही खाली पड़ा रहता है। वहीं एक जेनरेटर खरीदा गया था, और उसके लिए एक जेनरेटर रूम रखा गया था, जिसे कबाड़ रूम में तब्दील कर दिया गया है। आपको बता दें कि नवनिर्मित पुस्तकालय भवन का उद्घाटन 8 दिसंबर 2013 को बाढ़ विधायक ज्ञानेन्द्र कुमार सिंह ‘ज्ञानू’ किया गया था। विधान पार्षद नीरज कुमार तथा पुस्तकालय एवं सूचना केंद्र बिहार के अध्यक्ष तत्कालीन रामबच्चन राय भी उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुए थे। उद्घाटन के बाद से पुस्तकालय की कोई सूद नही ली गई। हां, इतना जरूर किया गया कि नए-नए इक्विपमेंट्स खरीदे गए ताकि पुस्तकालय बुद्धिजीवियों के लिए खुलता रहे तथा उनको शैक्षणिक लाभ मिलता रहे।

By LNB-9

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