पटना जिला ब्यूरो, LNB-9। खड़ी बोली के जनक भारतेन्दु हरिश्चन्द्र की 175 वीं जयंती पर संझाबाती पत्रिका प्रबंधन की ओर से अनुमंडल के अचुआरा गांव स्थित बिहार केसरी श्री बाबू पुस्तकालय में पुष्पांजलि कार्यक्रम आयोजित की गई। इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि जाने-माने व्यंग्यकार सह बेगूसराय जिला चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. रामरेखा सिंह ने कहा कि भारतेन्दु सांस्कृतिक पुनर्जागरण के ऐसे कालजयी नायक थे जिन्होंने अपनी लेखनी से भारतीयों में राष्ट्रीयता चेतना को जागृत कर गोरी दासता से मुक्ति का मार्ग प्रशस्त कराने का काम किया। उन्होंने ‘सत्य हरिश्चन्द्र’, ‘अंधेर नगरी’ और ‘भारत दुर्दशा’ जैसे अमर नाटकों का लेखन और मंचन कर साम्राज्यवादी अंग्रेजों की नींदें उड़ा दी। संयोजक सह संझाबाती पत्रिका के संपादक कवि-कथाकार हेमंत कुमार ने कहा कि आधुनिक हिन्दी साहित्य के भीष्म पितामह भारतेन्दु ने अपनी प्रखरता और सृजनात्मकता से भारतेन्दु युग का सूत्रपात किया। उन्होंने कहा कि काश वे दीर्घायु होते तो हिंदी साहित्य का और भी विपुल भंडार छोड़ जाते। कार्यक्रम में अभय शर्मा उर्फ ‘छोटू बाबू, गोलू कुमार, सूरज सिंह, शुभम कुमार उर्फ ‘चिक्कू, गौरी स्तुति आदि मौजूद थे।