पटना जिला ब्यूरो, बाढ़। बाढ़ की धरती रग्बी फुटबॉल के क्षेत्र में एक अलग स्थान और पहचान बना ली है। यहां के खिलाड़ी बिना संसाधन और खेल मैदान के इंटरनेशनल खिलाड़ी बनने का काम किया है। बाढ़ में अभी भी दर्जनों नेशनल मेडलिस्ट खिलाड़ी मौजूद हैं। यहां तक की बालक और बालिका दोनों की टीम में बिहार के रग्बी टीम में आधा से ज्यादा खिलाड़ी बाढ़ के हैं। उसी क्रम में बाढ़ के युवा खिलाड़ी गौरव कुमार चौहान ने हाल के दिनों में अंतर्राष्ट्रीय रग्बी मैच के दौरान नेपाल और बांग्लादेश को मात देते हुए देश को शिल्ड दिलाने का काम किया है। गौरव ने ओवरऑल बेहतर प्रदर्शन करते हुए बेस्ट खिलाड़ी का भी अवार्ड प्राप्त किया। 2014 में रग्बी फुटबॉल से जुड़कर गौरव ने लगातार मेडल पाने की झड़ी लगा दी।
अब तक उन्होंने दर्जनों मेडल प्राप्त करते हुए बिहार और बाढ़ का नाम रोशन किया है। अनुग्रह नारायण सिंह महाविद्यालय में पढ़ाई करने वाला छात्र ने रग्बी क्षेत्र में अपना कैरियर चुनते हुए अब तक बेहतर प्रदर्शन करते ही जा रहे हैं, जिसका नतीजा है कि आज गौरव बिहार का रग्बी टीम का कोच भी बना हुआ है। गौरव का कहना है कि खेल मंत्रालय और रग्बी के संरक्षक रिटायर्ड डीजी रविंद्र शंकरण और रग्बी संघ के महासचिव पंकज कुमार ज्योति ने उन्हें लगातार हौसला बढ़ाने का काम किया, जिसके चलते आज वह इस मुकाम पर हैं। उन्हें गर्म होता है कि वह जब गेम जीतकर घर वापस लौटे तो उनका भव्य स्वागत भी हुआ।
इस मौके पर लगातार उन्हें शुभकामनाएं भी मिल रही है। अंतरराष्ट्रीय रग्बी नेशनल के फाइनल गेम में नेपाल को 86-00 से और बांग्लादेश को 82-00 से मात देते हुए गौरव ने इलाके का नाम रोशन किया है। गौरव के मन में बस एक कसक है कि उनकी मां इस उपलब्धि को देखने के लिए आज उनके पास नहीं है। जीत और बेहतर प्रदर्शन का श्रेय अपने मां-पिता को देते हैं। पिता अवधेश प्रसाद सिंह एक सामाजिक व्यक्ति हैं।