बाढ़ के नगर परिषद क्षेत्र के कई स्कूलों की स्थिति का हाल बेहाल है। हालात ये है कि बच्चे तो समय पर स्कूल पहुंच जाते हैं, परंतु शिक्षकों का कहीं अता पता नहीं रहता है। काफी देर तक इंतजार करने के बाद शिक्षक स्कूल में आते हैं और तब जाकर बच्चों की असेंबली लगाते हैं। ऐसे में स्कूल के कई स्टाफ तो बोलने तक के लिए तैयार नहीं थे। मीडिया स्कूल खुलने का टाइम पूछती रही लेकिन कमरे की सफाई कर रहे सफाई कर्मी से एक बकार तक नहीं निकला।
यह हाल है बाढ़ के गर्ल्स हाई स्कूल का। राज्य संपोषित बालिका उच्चतर विद्यालय मे कहने को तो प्लस टू तक की पढ़ाई शुरू हो चुकी है। जहां सरकार एक विद्यालय पर लाखों रुपए का प्रति महीना खर्चा आता है।
इस प्रकार की व्यवस्था को देखने के बाद यह लगता है कि सरकार के द्वारा शिक्षा पर आवंटित इस राशि का भरपूर दुरुपयोग किया जा रहा है। यहां के शिक्षा पदाधिकारियों को भी भान नहीं रहता है कि शिक्षा व्यवस्था किस प्रकार से चौपट हो रही है या हो सकता है कि विधि-व्यवस्था, भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई हो।
अभिभावकों ने आरोप लगाया कि 100 रुपये लेकर एडमिशन का फॉर्म दिया जाता है, जिसका कोई रसीद मुहैया नही कराया जाता है।