पटना जिला ब्यूरो, LNB-9। बाढ़ में कार्तिक पूर्णिमा के मेले में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। शुक्रवार की सुबह से ही बड़ी संख्या में लोग गंगा स्नान करने के लिए पहुंचने लगे। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर खासकर उमानाथ मंदिर परिसर में जबरदस्त भीड़ देखी गई। इस अवसर पर लोगों ने पवित्र नदी गंगा में स्नान कर भगवान की पूजा अर्चना की। वहीं जिन लोगों की मन्नतें पूरी होती है, वे यहां आकर अपने बच्चों का मुंडन करते हैं। बता दें कि सालभर में बारह पूर्णिमा होते हैं, जिसमें कार्तिक मास की पूर्णिमा का हिंदू मान्यताओं के अनुसार विशेष महत्व है। मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान करते हैं, उन्हें शुभ फल की प्राप्ति होती है, तथा उनकी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती है। गंगा नदी पवित्र नदियों में से एक है, इसलिए यहां दूर दूर से कई जिलों के लोग गंगा नदी में स्नान करने के लिए आते हैं, और भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करते हैं। पौराणिक ग्रंथों में आज ही के दिन भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार लेने का वर्णन किया गया है। मान्यता यह भी है कि इसी दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध किया था, इसलिए कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। यह दिन सिखों के लिए भी महत्वपूर्ण दिन होता है। क्योंकि इसी दिन सिखों के प्रथम गुरु गुरु नानक जी का जन्म हुआ था। सिख लोग इस दिन को गुरु पर्व के रूप में मनाते हैं। इस अवसर पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए एवं श्रद्धालुओं की सुरक्षा हेतु पुलिस प्रशासन की ओर से जगह जगह पुलिस बल की तैनाती की गई थी। वहीं गंगा नदी में लोगों को डूबने से बचने के लिए स्थानीय नाविक एवं गोताखोर की व्यवस्था की गई थी तथा किनारे पर बैरिकेटिंग लगाई गई थी। गंगा नदी में स्नान करने आए एक श्रद्धालु ने बताया कि बाबा उमानाथ एवं गंगा मां की कृपा से उनकी मन्नतें पूरी हुई है, इसलिए वे इस अवसर पर वे अपने पुत्रों का मुंडन कराने के लिए आते हैं। कुल मिलाकर कहा जाए तो आज का दिन हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण दिन माना जाता है, जिसको लेकर बाढ़ में बड़े पैमाने पर मेला लगता है।