पटना जिला ब्यूरो, LNB-9। बाढ़ में गंगा नदी का पानी उफान पर है। गंगा नदी में बाढ़ का रूप अब विकराल होता जा रहा है, जिससे बाढ़ के कई तटीय इलाकों में पानी आ गया है। इब्राहिमपुर, मलाही, पंडारक, उमानाथ, सती स्थान आदि स्थानों को बाढ़ के पानी ने अपने चपेट में ले लिया है। वैसे तटीय इलाके जो थोड़ी नीची भूमि पर स्थित है, वहां पानी भर गया है। बाढ़ के भंटगांव पंचायत में पानी घुस गया है। धीरे-धीरे पानी का स्तर बढ़ता जा रहा है। कई लोगों का कहना है कि बाढ़ के पानी को जहां रोका जा सकता था, वहां पर प्रशासन के द्वारा पहले पहल नहीं की गई, इसलिए पानी गांव में घुस गया। ग्रामीणों के द्वारा अभी भी स्थानीय प्रशासन से गुहार लगाई जा रही है, लेकिन वे सभी फिलहाल सरकारी सहायता से वंचित है।
तस्वीरों से यह साफ होता है कि पानी कई घरों को अपनी चपेट में ले लिया है, जिससे लोगों का दैनिक जीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। अब तो गंगा नदी के बाढ़ का पानी सड़क के ऊपर कहीं 2 फीट व कहीं 3 फीट तक बह रहा है, जिससे सड़क किनारे स्थित दुकान भी प्रभावित हुए हैं तथा वाहनों को भी आने जाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
वहीं अगर उमानाथ की बात करें तो उमानाथ में जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है तथा घाट की लगभग सभी सीढियां डूब चुकी है। नवनिर्मित आश्रय स्थल में भी पानी भर गया है, जिससे आने वाले यात्रियों को भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
गंगा नदी में आई बाढ़ से गंगा का जलस्तर उफान पर है तथा कई तटीय इलाकों में पानी भर गया है। यह तस्वीर है पंडारक प्रखंड के ढीवर पंचायत के सहनौरा गांव की, जहां गंगा नदी के बाढ़ के पानी ने पूरे गांव को अपने चपेट में ले लिया है। गांव की सड़कें पूरी तरह जलमग्न हो गई है। वहीं घरों में भी पानी घुसने लगा है। आम लोगों को आने जाने में काफी कठिनाई हो रही है तथा दहशत का भी माहौल है। लोगों को जान और माल का खतरा बना हुआ है। वहीं पंडारक के वार्ड संख्या 1 में भी गंगा के बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है।लोगों को अब जान माल का डर सताने लगा है, इसलिए लोग अब घर से निकलकर दूसरी जगह शरण लेने लगे हैं।
इस बाबत अंचलाधिकारी पंडारक ने बताया कि वे निरीक्षण पर निकले हैं और बाढ़ से प्रभावित वे इलाके, जहां के लोग विस्थापित हो गए हैं, उन्हें मुआवजा एवं सहायता मुहैया कराई जाएगी। लेकिन जहां पानी आने के बाद भी जो उसी स्थान पर रह रहे हैं, उनके लिए फिलहाल सरकार के द्वारा कोई व्यवस्था नहीं की गई है। मिला जुलाकर यदि बात की जाई, तो बाढ़ के पानी ने आम जन के साथ-साथ पशुओं को भी काफी प्रभावित किया है।