बाढ़ बाजार चौक पर विजयादशमी के दिन हर साल की तरह इस साल भी देवी मिलन समारोह का आयोजन बड़े धूम धाम से किया गया। माता के मिलन का यह दृश्य बड़ा ही मनोहारी और आकर्षक होता है। माता के मिलन को देखने के लिए दूर दराज के लोग हज़ारों की संख्या में बाजार चौक के पास उपस्थित होते हैं। मिलन की शुरुआत मच्छलहट्टा की देवी जी से होती है। यहाँ पर विसर्जन के लिए जाती हुई माता की मूर्ति को भक्तजन रोककर मच्छलहट्टा की देवी जी से मिलन करवाते हैं। मिलन के वक्त जय दुर्गे और जय माता दी के स्वर से सारा वातावरण गुंजायमान हो जाता है। जबरदस्त उत्साह और श्रद्धा के साथ भक्त गण जय दुर्गे का उच्चारण करते हुए नाचने लगते है। उपस्थित सभी लोगों के अंदर भक्ति रस प्रवाहित होने लगता है, सारा वातावरण भक्तिमय हो जाता है। इस अद्भुत मिलन समारोह में प्रशासन की भी सराहनीय भूमिका रही। चारों तरफ प्रशासन की मुश्तैदी देखी गयी। वहीं दुर्गा मिलन के इस अवसर को कोई खोना नहीं चाहते थे इसलिए हज़ारों की संख्या में महिला, बच्चे, युवा और बुजुर्ग के बीच मिलन देखने को लेकर काफी उत्साह देखा गया। दूसरी तरफ बनारसी घाट में भी छोटी दुर्गा जी से मिलन कराया गया। मान्यता है कि बनारसी घाट दुर्गास्थान में बैठनेवाली देवी सबसे छोटी हैं इसलिए सभी बड़ी माताओं का मिलन उनकी छोटी बहन से कराया जाता है। सचमुच माता मिलन का यह दृश्य अद्भुत अविस्मरणीय और आकर्षक होता है। मिलन की यह परम्परा बाढ़ की धरती पर एक लंबे अरसे से चलता आ रहा है। इस अवसर पर भक्तों का उत्साह देखते बनता है।

By LNB-9

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