बाढ़। बाढ़ स्टेशन के दक्षिणी छोर पर रेलवे फाटक है। हैरत की बात यह है कि फाटक बंद होने के बावजूद लोग रेलवे ट्रैक को पार करते हैं। इससे कभी भी कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है। बाढ़ के दक्षिणी छोर पर बाढ़ नगर से विभिन्न गांवों को जोड़ने वाला एकमात्र रास्ता यही है, लेकिन जब ट्रेन आने वाली होती है, तब लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर रेलवे फाटक को बंद कर आवागमन को बाधित कर ट्रेन को रेलवे ट्रैक पर से गुजारा जाता है, ताकि कोई नागरिक ट्रेन की चपेट में ना आए और उसके साथ किसी तरह की अनहोनी ना हो। लेकिन लोग अपनी जान को जोखिम में डालकर जबरदस्ती फाटक बंद होने के बावजूद आवागमन जारी रखते हैं। इतना ही नहीं, मोटरसाइकिल सवार भी फाटक के नीचे से अपनी बाइक को घुसा कर पार होते नजर आते हैं। इसमें आम जनता की लापरवाही तो है ही, रेलवे पुलिस की भूमिका भी अकर्मण्य है। बाढ़ रेलवे स्टेशन पर तैनात रेल पुलिस अपनी ड्यूटी के प्रति भारी लापरवाह है। यही कारण है कि फाटक लगने के बाद लोग आवागमन जारी रखते हैं। वहीं दूसरी तरफ रेल पुलिस की अकर्मण्यता के कारण कई लोग स्टेशन पर ऊपरी पुल का इस्तेमाल न कर के ट्रैक पर उतरकर एक प्लेटफॉर्म से दूसरे प्लेटफॉर्म तक जाने का काम करते हैं। रेल पुलिस को लोगों की सुरक्षा हेतु प्लेटफार्म पर ड्यूटी दिया गया है, परंतु वे अपने ड्यूटी निभाने में सक्षम नजर नहीं आते और आंख के सामने से दुर्घटना को आमंत्रित करते हुए पाए जाते हैं।

By LNB-9

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