बाढ़। शनिवार को भैया दूज एवं चित्रगुप्त पूजा को लेकर बाढ़ के गंगा के विभिन्न प्रसिद्ध घाटों पर श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ देखी गई। हालांकि बहुत से घाट खतरनाक स्थिति में है, इसलिए भीड़ कुछ ही घाटों पर एकत्रित हो जाती है। विदित हो कि कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन भैया दूज का पर्व मनाया जाता है। इस दिन बहन अपने भाई की लंबी उम्र के लिए भगवान से प्रार्थना करती है। इसी दिन कायस्थ कूल के इष्ट देव श्री चित्रगुप्त की भी पूजा की जाती है। इस बाबत बाढ़ के कई स्थानों पर चित्रगुप्त भगवान की मूर्ति की भी स्थापना की गयी और पूजा-अर्चना की गई। लेखन कार्य से जुड़े रहने के कारण भगवान चित्रगुप्त के पूजा के अवसर पर कलम-दवात एवं बहीखातों की पूजा का भी विधान है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान चित्रगुप्त जी की उत्पत्ति सृष्टिकर्ता ब्रह्मा जी की काया से हुई। देवलोक में श्री चित्रगुप्त भगवान को धर्म का अधिकारी भी कहा जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार चित्रगुप्त महाराज मनुष्य के पाप और पुण्य का लेखा-जोखा भी रखते हैं। कहा जाता है कि भगवान चित्रगुप्त की पूजा करने से नर्क की यातनाओं से मुक्ति मिलती है।