पटना जिला ब्यूरो, बाढ़। बाढ़ के पंडारक प्रखंड के अजगरा बकावाँ संकुल के मध्य विद्यालय आदमपुर में एमडीएम योजना का बुरा हाल है। कहने को तो 250 से 300 बच्चों की हर दिन उपस्थिति बताई जाती है, लेकिन यहां बच्चों को एमडीएम योजना के नाम पर कुपोषण का शिकार बनाया जाता है। इसके पीछे सिर्फ लूट का सूट की राजनीति विद्यालय प्रबंधन में चल रही है। हालात यह है कि बच्चे एमडीएम योजना में हुई गड़बड़ी की बातें बता रहे हैं। विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक उदय कुमार शुक्रवार को विद्यालय में उपस्थित नहीं थे। इस दौरान 2 शिक्षक उपेंद्र कुमार और विजय कुमार विद्यालय में मिले।
उन्होंने बताया कि 1 दिन पूर्व भी विद्यालय में एमडीएम नहीं बना था। किसी विद्यालय में पानी की किल्लत है, वहीं दूसरी तरफ विद्यालय का भवन पूरी तरह से जर्जर है और कभी भी बच्चे उसमें दबकर अपनी जान गवा सकते हैं। दो कमरे में मध्य विद्यालय चलता है और क्षतिग्रस्त भवन में विद्यालय का कार्यालय यहां सीनियर और जूनियर शिक्षक का लंबे समय से विवाद चल रहा है। सहायक शिक्षक प्रधानाध्यापक बने हुए हैं। बताया जाता है कि शिक्षा विभाग के बड़े पदाधिकारी का बर्दाश्त होने के चलते उदय कुमार अभी भी प्रभारी बने हुए हैं और स्थानीय होने के चलते उनकी चलती है। जबकि विजय कुमार सीनियर शिक्षक वहां सहायक शिक्षक के रूप में काम कर रहे हैं।
विद्यालय में कई वर्षों से कई प्रकार की योजनाओं के पैसे आते तो हैं, लेकिन विकास के नाम पर कुछ भी नहीं होता है। विद्यालय का शौचालय और किचन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त है। शौचालय खराब रहने के चलते बच्चे शौचालय या फिर लघुशंका के लिए बगल के नदी में जाते हैं। जातीय जनगणना को लेकर शिक्षक शैक्षणिक अवधि में ही काम के नाम पर निकल जाते हैं और विद्यालय दो शिक्षकों के भरोसे ही चलता है। स्थानीय ग्रामीणों ने भी विद्यालय की लचर व्यवस्था को लेकर चिंता जाहिर की है। मामले पर जब एमडीएम प्रभारी शिवपूजन कुमार से बात की गई तो उन्होंने भी पानी की किल्लत का हवाला दिया। मामले पर जब प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी पंडारक सुशीला देवी से बात की गई तो वह क्षेत्र भ्रमण पर निकली हुई थी स्थानीय लोगों का कहना है कि इस विद्यालय में बच्चों के सेहत और जिंदगी से खिलवाड़ हो रहा है।