बाढ़। बिहार सरकार के द्वारा मजदूरों का पलायन रोकने के लिए 100 दिनों का रोजगार गारंटी योजना के तहत काम मुहैया कराने के लिए पंचायत में ही लोगों को रोजगार देने की व्यवस्था तो की गई है, लेकिन बाढ़ प्रखंड के सरकट्टी सैदपुर पंचायत में मनरेगा योजना के तहत पैन सफाई करने के नाम पर ₹4 लाख 89 हज़ार 536 की लागत से योजना क्यों चलाई गई लेकिन सिर्फ औपचारिकता पूरा करते हुए कुछ दूरी तक ऊपर का घास छीलकर योजना के नाम पर मनरेगा कार्यालय की मिलीभगत से राशि की बंदरबांट करने का काम किया गया।
पंचायत के रंजीत कुमार के घर से शेखोपुर मऊजा होते हुए देवी स्थान तक काम कराना था, लेकिन योजना स्थल पर जो डिस्प्ले लगाया गया है, उस पर ना तो योजना प्रारंभ की और ना ही पूर्ण होने की तिथि अंकित की गई है। इस बाबत जब पीआरएस अखिलेश कुमार से बात की गई तो उन्होंने कोई सकारात्मक जवाब नहीं दिया और मामले की लीपापोती करते नजर आए। मामले पर जब प्रोग्राम ऑफिसर राजीव रंजन कुमार से बात की गई, तो उन्होंने खुद को पटना में होने की बात कही और मामले की जांच करवाने की बात कही है। बताते चले कि सरकट्टी सैदपुर पंचायत में पिछले सत्र में भी कई योजनाओं को आधा-अधूरा छोड़ कर उसकी राशि निकाल ली गई है। इलाके के ग्रामीणों ने मामले की जांच कराए जाने की मांग की है। योजना को अंजाम देने वाले एजेंसी सोनू कुमार से जब पूछा गया तो उन्होंने कुछ भी बोलने से मना कर दिया।