बाढ़। माघी पूर्णिमा के अवसर पर गंगा में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला मंगलवार से ही शुरू हो गया है। मंगलवार की दोपहर से ही लोगों का हुजूम गंगा घाट की तरफ आते हुए देखा जा रहा है। हर साल बाढ़ में लगने वाले माघी पूर्णिमा के मेले में लाखों की संख्या में लोग बिहार के विभिन्न जिलों से पहुंचते है। मेले के आयोजन पर व्यवस्था का जिम्मा नगर परिषद एवं सुरक्षा का जिम्मा अनुमंडल पदाधिकारी तथा पुलिस प्रशासन संभालती है। ऐसे में जब मेले में आने वाले लोगों की संख्या अधिक हो जाती है तो कभी-कभी पुलिस प्रशासन को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है। मेले में नवादा जिला से आई हुई महिलाओं ने बताया कि यहां किसी भी प्रकार की रहने की कोई व्यवस्था नही की गई है। हमलोग रात में ठंड के दिनों में शीत में बैठकर रात गुजारने के काम करते है। कई लोग तो घाट के ही निकट पुवाल इत्यादि बिछाकर जैसे तैसे रात गुजारने का काम करते हैं। साफ-सफाई के बारे में भी उमानाथ के महंत जयमंगल भारती ने बताया कि माघी पूर्णिमा के मेले के अवसर पर साफ-सफाई के नाम पर केवल खानापूर्ति की गयी है, बाकी गंदगी अभी भी बरकरार है।