पटना जिला ब्यूरो, मोकामा। औद्योगिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से प्रसिद्ध मोकामा में पुराना अंग्रेजों के जमाने का बनाया हुया सामुदायिक भवन अब पूरी तरह से खंडहर हो चुका है और जहां उसके प्रांगण में कभी तरह-तरह के फूल के खिलने से गुलजार हुआ करते थे एवं उसकी खुशबू से वहाँ की वादियाँ महक उठती थी, आज उसका स्थान जंगल- झाड़ ने ले लिया है। जानकारी के मुताबिक इस सामुदायिक भवन का निर्माण अंग्रेजों ने अपने प्रशासनिक कार्यों की देख रेख करने के लिए यहाँ आने वाले अधिकारियों के विश्राम स्थल के रूप में कराया था , परंतु सरकारों की अनदेखी के शिकार होने के चलते आज यह खंडहर में तब्दील हो चुका है। कई सरकारें आज़ादी के बाद आई और गयी लेकिन किनही का ध्यान मोकामा में स्थित एक मात्र सामुदायिक भवन यानि डाकबंगला पर नहीं गया। लेकिन अब सामुदायिक भवन का बहुत जल्द जीर्णोद्धार होने वाला है। इस बाबत नए सामुदायिक भवन के निर्माण के लिए जिला पार्षद फंड से निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। डाकबंगला का नए सिरे से निर्माण करने के लिए जिला परिषद की कोर कमिटी ने एक बैठक बुलाई।अब इस जमीन पर सामुदायिक भवन की रूप रेखा तैयार की जा रही है। सूत्रों की माने तो डाकबंगला की बेकार पड़ी जमीन पर अतिथि गृह विकसित करने के साथ-साथ व्यापारियों के लिए मार्केट भी बनाए जाने की बात की जा रही है। बता दें कि पिछले तीन दशक में देख-रेख की कमी से डाकबंगला अब ज़मींदोज़ होने की कगार पर है, और बेकार पड़ी ज़मीन का स्थानीय लोगों द्वारा अतिक्रमण भी किया जा रहा है। डाकबंगला भवन के निर्माण के लिए मोकामा पश्चिमी के जिला परिषद सदस्य नवनीत कुमार हिमांशु लंबे समय से मांग करते आ रहे थे। खुद नवनीत हिमांशु ने बताया कि डाकबंगला का नए सिरे से निर्माण का रास्ता साफ हो गया है और अब बहुत ही जल्द मोकामावासियों की बहुप्रतीक्षित मांग पूरी हो जाएगी। डाकबंगला निर्माण का सारा खर्च जिला परिषद निधि के द्वारा किया जाएगा। इस बाबत मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी जिला परिषद पटना के द्वारा विभाग को मोकामा में सामुदायिक भवन बनाने पर विचार करने के लिए प्रेषित भी कर दिया गया है ।