लोजपा नेता चिराग पासवान के बयान के वाइरल होने के बाद, जिसमे वे तेजस्वी के पक्ष में बोलते हुए नजर आ रहे हैं, ये कयास लगना शुरू हो गया है कि चिराग पासवान का झुकाव अब तेजस्वी यादव की ओर होने लगा है। इसके बाद ही राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम रजक ने सोमवार को चिराग पासवान से मुलाक़ात की है। यह मुलाक़ात सियासी मुलाक़ात के रूप में देखा जा रहा है। दोनों नेताओं ने मुलाक़ात में खुलकर सियासी संकेत दे दिये हैं।
लोजपा के दिवंगत नेता राम विलास पासवान के बंगले को खाली करने के दौरान जिस प्रकार से उनके पिता की तस्वीर को फेंका गया, अंबेडकर की मूर्तियाँ इधर-उधर बिखेर दी गयी; जिससे चिराग पासवान काफी आहत हुए थे और एमएलसी चुनाव के ठीक एक दिन पहले उन्होने अपने नेताओं एवं समर्थकों को कहा था कि इस बात का जरूर ख्याल रखे कि किस प्रकार से पिताजी एवं बाबा साहब अंबेडकर को अपमानित करने का काम किया गया है। तब से यह विवाद लगातार बना हुआ है।
सांसद चिराग पासवान के कृष्णापुरी स्थित उनके निजी आवास पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव के दूत के रूप में राजद के वरिष्ठ नेता श्याम रजक पहुंचे। इस दौरान श्याम रजक और चिराग पासवान के बीच लंबी बातचीत हुई। श्याम रजक ने बताया कि हमलोग मनुवादी ताकतों से लड़ने के लिए एक साथ काम कर सकते हैं। बताते चलें कि केंद्र सरकार ने दिवंगत नेता राम विलास पासवान के नाम पर आवंटित दिल्ली के सरकारी बंगले को खाली करा लिया है। चिराग पासवान ने खाली करने के तरीके पर कई सवाल खड़े किए थे।
बंगला विवाद पर तेजस्वी की प्रतिक्रिया
बंगला विवाद को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि इनके नेताओं ने राम विलास पासवान के निधन के बाद पहले तो लोजपा को तोड़ा, फिर उनके परिवार के बीच फूट डाल दी और अब उनके बंगले को खाली कराते वक़्त दिवंगत नेता के तस्वीर को नीचे गिराकर उन्हे अपमानित भी किया है। उन्होने चिराग के बारे में बताया कि चुनाव के दौरान वे नरेंद्र मोदी को राम और खुद को उनका हनुमान बताते फिरते थे। लेकिन अब सबको मालूम पड़ गया है कि भाजपा की मंशा क्या है?