बाढ़। बाढ़ नगर एवं पंचायत में काम करने वाले विकास मित्रों को काफी समय से बकाया राशि का भुगतान नही किया गया है। इस बात को लेकर विकास मित्रों में नाराजगी देखी गयी। विकास मित्र नरेंद्र चौधरी ने बताया कि हमलोगों से हर तरह का काम लिया जाता है और हमलोग सभी कार्यों का निर्वहन ईमानदारीपूर्वक करते हैं। चाहे कोरोना का काल हो, चाहे टीकाकरण का कार्य हो, चाहे स्वच्छता अभियान का कार्य हो, या आवास एवं शौचालय निर्माण योजना की बात हो। सभी में हम ईमानदारीपूर्वक कार्य करते हैं। सरकार के द्वारा हमलोगों को प्रति शौचालय सौ रुपये की राशि देने का प्रावधान है, लेकिन वह राशि अभी तक नही दी गयी है। इस बाबत हमलोग कई बार पदाधिकारी से गुहार लगा चुके हैं। वहीं विकास मित्र अनिल कुमार चौधरी ने कहा कि पिछले 6 साल से हमलोगों को बकाया राशि नही दी गयी है। पदाधिकारियों के पास लिखित आवेदन के साथ-साथ मौखिक रूप से भी कई बार कहा गया, लेकिन वहां आश्वासन के सिवा अभी तक कुछ हासिल नहीं हुआ। विकास मित्र प्रेमशीला कुमारी ने बताया कि हमलोग कार्यों की रिपोर्ट जमीन में बैठकर तैयार करते हैं। ना तो हम लोगों को काम करने के लिए कोई टेबल दिया गया है न ही किसी प्रकार का कमरा जहां बैठकर हम लोग हर मौसम में आसानी से कार्य कर सकें। कार्यालय में जगह और टेबल देने के लिए कई बार हम लोगों ने पदाधिकारी से बात की है लेकिन कोई नहीं सुनता। साथ ही साथ जो लंबित राशि है उसका भी भुगतान नही किया गया है। उन्होंने कहा कि हम सरकार से मांग करते हैं कि विकास मित्रों को लंबित राशि का भुगतान जल्द से जल्द कराये जाए और किसी निश्चित व्यवस्था के तहत हमें काम करने के लिए जगह मुहैया कराई जाए। विकास मित्रों का कहना है कि उन्हें हमेशा उपेक्षा का शिकार होना पड़ता है। बिहार सरकार के आदेश के बाद भी नगर परिषद में शौचालय निर्माण योजना के तहत निर्माण होने के बाद भी ₹100 प्रति शौचालय का भुगतान नहीं किया गया है। हालांकि विकास मित्रों ने यह स्वीकार जरूर किया कि उन्हें समय पर हर महीने सरकार के द्वारा दी जाने वाली मानदेय राशि मिल जाती है। कुल मिलाकर यह देखा जा सकता है कि सरकार के द्वारा निर्धारित राशि लाभुकों के लिए जो तय की जाती है, उसका भुगतान करने में देरी होती है।

By LNB-9

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