बाढ़। पंडारक प्रखंड कार्यालय से महज कुछ ही दूरी पर स्थित प्राथमिक विद्यालय छपेरातर में शिक्षक गायब पाए गयें। स्कूल के अंदर छात्र खेलते-कूदते नजर आए। उस समय स्कूल में एक भी शिक्षक उपस्थित नहीं थे। स्कूल में पढ़ने वाले पांचवी क्लास के एक बच्चे ने बताया कि एक मैडम कार्यालय गई हुई है, दूसरी मैडम घर खाना खाने गए जबकि दो और टीचर आते ही नहीं है। हैरत की बात है कि प्रखंड कार्यालय स्कूल से महज 20-25 गज की दूरी पर स्थित है। बावजूद इसके यहां शिक्षक गायब रहते हैं और प्रखंड कार्यालय के अधिकारियों को इसकी सूचना भी नहीं रहती है। जबकि पंडारक प्रखंड कार्यालय के शिक्षा प्रसार पदाधिकारी दूर-दूर के गांव में भ्रमण करते हैं और स्थानीय स्कूलों को देखने की जहमत भी नहीं उठाते। हैरत की बात यह है कि यह विद्यालय नेशनल हाईवे के करीब स्थित है और 24 घंटा वाहनों का आना-जाना लगा रहता है। शिक्षक के नहीं होने से बच्चे अनियंत्रित होकर इधर-उधर जा सकते हैं और बच्चों के साथ खतरा या किसी प्रकार की दुर्घटना होने की संभावना बढ़ जाती है।
वहीं दरगाहीटोला मध्य विद्यालय में उल्टा वाक्या देखने को मिला। यहां सभी छात्र गायब थे और शिक्षक ऑफिस में बैठे हुए मिले। इस संबंध में जब प्रखंड विकास पदाधिकारी को फोन पर जानकारी दी गई तो उन्होंने कहा कि इसकी जांच की जाएगी। वहीं पुण्यार्क विद्या मंदिर +2 उच्च विद्यालय में शिक्षक तो मौजूद पाए गये, परंतु छात्रों की संख्या नगण्य थी। सूत्रों से पता चला कि इस विद्यालय में मात्र 1 घंटे की पढ़ाई होती है, जिसके बाद सभी छात्र घर चले जाते हैं। विदित हो कि राज्य सरकार द्वारा शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए बच्चों के लिए कई प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है, चाहे वह मिड-डे-मील हो, निःशुल्क किताबें, छात्रवृत्ति, साईकल आदि योजनाओं में करोड़ों खर्च किए जाते हैं। इसके बावजूद शिक्षा के स्तर में सुधार होते नजर नहीं आ रहा है।