बाढ़। बाढ़ का प्रतिष्ठित जगन्नाथन उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय भवन इन दिनों जर्जर हालत से गुजर रहा हैं। यह बाढ़ का सबसे पुराने विद्यालयों में से एक है और यहां इंटर तक की पढ़ाई होती है। इस स्कूल का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है । परंतु आज यह विद्यालय अपने दुर्दिन की घड़ियां गिन रहा है। हर बरसात में यहाँ के प्राँगण में घुटनों भर पानी जमा हो जाता है जिसके कारण विद्यार्थियों को पढ़ाई लिखाई में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हमेशा पानी जमा रहने से जल जनित बीमारियों का खतरा भी बना रहता है। विद्यालय प्रशासन द्वारा उसके निदान का कोई उपाय नहीं किया जाता। विद्यालय में पुराने भवन की भी स्थिति जर्जर हो चुकी है। भवन की जर्जर छत कभी भी गिर सकता है और कोई बड़ा हादसा हो सकता है। इस विद्यालय का भवन हादसे को आमंत्रित कर रहा है। जरूरत है समय से इसकी मरम्मत करा दी जाय। फिलहाल विद्यालय में पानी जमा है और उसकी निकासी अब तक नहीं की गई है। विद्यालय में प्रबन्ध समिति का गठन भी किया गया है लेकिन उसके द्वारा भी पानी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। इस बाबत जब प्रभारी प्रधानाध्यापक मनोज कुमार से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि विद्यालय के ग्राउंड से ऊंची सड़क का निर्माण कर दिया गया है और नाली का स्तर भी ऊँचा है इसलिए विद्यालय के प्रांगण से पानी नहीं निकल पाता है। यदि इसे मिट्टी से भराया जाता है तो पूरे विद्यालय को भरवाना पड़ेगा। हाँलाकि विद्यालय प्रबंधन के द्वारा मोटर लगाकर पानी बाहर निकाला जा सकता है। फिलहाल वहाँ पढ़नेवाले छात्रों एवं शिक्षकों को भी परेशानी हो रही है। हमेशा विद्यालय प्रांगण में पानी का जमा रहना इस बात की ओर इशारा करता है कि विद्यालय प्रबंधन काफी सुस्त है।