बाढ़। उमानाथ मंदिर के प्रबंध समिति की सचिव कनक कुमारी ने माघी पूर्णिमा के अवसर पर लगने वाले मेले में व्यवस्था एवं मेले में आने वाले श्रद्धालुओं से नाजायज वसूली के ऊपर सवाल खड़े की है। कनक कुमारी ने बताया कि माघी पूर्णिमा के अवसर पर हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु उमानाथ धाम स्नान करने के लिए पहुंचते हैं परंतु उसके लिए उचित व्यवस्था नहीं की जाती है। लोग रात्रि में खुले आसमान के नीचे बिताते हैं जिसके चलते कई लोगों की तवियत भी बिगड़ जाती है। इस बार एक व्यक्ति की घाट पर ही मृत्यु हो गयी।

बाहर से आने वाले लोगों से अवैध वसूली भी की जाती है। नगरपरिषद के रसीद पर न तो देने वाले का नाम होता है न ही प्राप्त करता का हस्ताक्षर है। कुछ वाहनों से 1150 रुपये तक की राशि वसूल कर ली गयी है। उन्होंने बताया कि मेले में आनेवाले लोग काफी परेशान रहे। इस बाबत विधायक और मुख्यमंत्री तक चिठ्ठी लिखी गयी है कार्रवाई नहीं होने पर वह उच्च न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाएगी। वहीं संत कुमार यादव ने बताया कि उमानाथ एक धार्मिक स्थल है। इसलिए इसका प्रबंधन और नीलामी का अधिकार उमानाथ मंदिर के समिति का होना चाहिए ताकि मेले से आने वाले राजस्व से मंदिर का विकास किया जा सके।

By LNB-9

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