पटना जिला ब्यूरो, बाढ़। बिहार के धार्मिक स्थलों में अपना महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले उत्तरवाहिनी गंगा तट पर स्थित उमानाथ मंदिर को जाने वाली सड़क स्थिति नारकीय बन चुकी है। सड़कों पर नाले का पानी घुटनों भर जमा रहता है जिससे वहां के स्थानीय नागरिकों को तो कठिनाइयों का सामना करना ही पड़ता है साथ ही साथ मंदिर में पूजा अर्चना करने के लिए जाते हुए श्रद्धालुओं को भी काफी कष्ट झेलना पड़ता है ।
स्थिति कभी-कभी यह हो जाती है कि लोग नाले के पानी में घुसकर मंदिर की तरफ जाते हैं जोकि उमानाथ के सौंदर्यीकरण के नाम पर एक बदनुमा धब्बा है। इतना ही नहीं उमानाथ से सटे सती- स्थान को जाने वाली सड़क का भी हालत जर्जर है। सतीस्थान के पास ही श्मशानघाट है जहाँ प्रतिदिन सैंकड़ो लोग शवदाह के लिए पहुंचते हैं परंतु उन्हें घुटने भर कीचड़ में घुसकर पार होना पड़ता है। उसकी ख़बर छपने के बाद भी समस्याओं का निदान नहीं हो पाना बाढ़ नगरपरिषद की अकर्मण्यता के साथ साथ लापरवाही ही कहा जा सकता है। यही वजह है कि कभी कभी जनता आक्रोशित होकर आंदोलन का रुख अख्तियार कर लेती है फिर अधिकारियों को फजीहत झेलनी पड़ती है।