सीतामढ़ी जिला ब्यूरो, LNB-9 : बिहार के सीतामढ़ी की एक घटना ने सबको हैरानी में डाल दिया. वहीं अस्पताल प्रशासन की लापरवाही भी सामने दिखी. जब एक नवजात बच्चे को सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने मरा हुआ घोषित कर दिया लेकिन परिजन जब उसके अंतिम संस्कार के लिए श्मशान लेकर गये तो बच्चा अचानक जिंदा पाया गया. आनन-फानन में बच्चे को लेकर प्राइवेट अस्पताल लेकर परिजन गये. पर बच्चे ने वहां दम तोड़ दिया।
प्राइवेट अस्पताल में तोड़ा दम
बच्चे को मृत समझकर परिजन उसे मिट्टी में दफन करने जा रहे थे. अचानक इस दौरान बच्चे के शरीर में हलचल हुई. जिसके बाद परिजन फौरन बच्चे को लेकर निजी चिकित्सक डॉ मनोज कुमार के यहां पहुं गये. डॉक्टर ने बच्चे की हालत देखकर फौरन शिशु रोग विशेषज्ञ के यहां ले जाने की सलाह दे दी. जिसके बाद बच्चे को लेकर परिजन एक शिशु रोग विशेषज्ञ के यहां पहुंच गये. पर इलाज के क्रम में ही बच्चे ने यहां दम तोड़ दिया.
अस्पताल के सामने विरोध प्रदर्शन
इस घटना से आक्रोशित परिजन पीएचसी में जमा हो गये. सभी चिकित्सक की लापरवाही से नवजात की मौत की बात कह रहे थे. इसके बाद चिकित्सक ने डुमरा थाना को इसकी सूचना दी. पुलिस एवं भीड़ पीएचसी में मौजूद रही. वहीं ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक डॉ आलम ने बताया कि उन्हें सूचना मिली है की जन्म के साथ ही नवजात मृत पाया गया था.
लापरवाही नहीं होती तो जिंदा बचता मासूम?
अब इस घटना से यह सवाल खड़ा होता है कि अगर सरकारी अस्पताल में इतनी बड़ी लापरवाही नहीं हुई होती तो क्या पर्याप्त समय रहते बच्चे को बेहतर इलाज से बचाया नहीं जा सकता था?