पटना. बिहार में जाति आधारित जनगणना को रोकने के लिए दाखिल याचिका को पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) ने खारिज कर दिया है. कोर्ट के इस फैसले के साथ ही नीतीश सरकार अब प्रदेश में जातिगत जनगणना करवा सकेगी. पटना उच्च न्यायालय (Patna High Court) के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति मधुरेश प्रसाद की पीठ अपना महत्वपूर्ण फैसला सुनाया. बता दें कि याचिकाकर्ताओं ने जातिगत जनगणना रोकने की अपील की थी, लेकिन कोर्ट ने मंगलवार को याचिका खारिज करते हुए बिहार सरकार को बड़ी राहत दी है. बता दें कि जाति आधारित जनगणना प्रक्रिया पर रोक लगाने के लिए पांच अलग-अलग याचिका हाईकोर्ट में दायर की गई थी, जिसपर कोर्ट कई दिनों तक सुनवाई की थी और अपना महत्वपूर्ण फैसला को सुरक्षित रख लिया था. इससे पहले पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति मधुरेश प्रसाद की पीठ ने एक साथ पांच याचिकाओं पर सुनवाई की थी और सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. बता दें कि में इस मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं ने जातीय जनगणना पर सवाल उठाते हुए उसे तत्काल रोकने के लिए दलील दी थी.