बिहार (Bihar) में पिछले 10 सालों में अनुसूचित जाति (Scheduled Caste) और अनुसूचित जनजाति(Scheduled Tribe)(अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत 67,163 केस दर्ज किए गए हैं. अगर 39,730 केस को जोड़ दिया जाए, तो यह 1,06,893 मामलों में आता है. इनमें से 44,986 मामले अभी भी लंबित हैं. यह जानकारी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बुलाई गई एससी / एसटी अधिनियम के मामलों की समीक्षा बैठक में मिली है.
पिछले 10 सालों में, कोर्ट ने सिर्फ 872 ऐसे मामलों में फैसला सुनाया है. केवल 75 मामलों में 8.6 प्रतिशत का दोष सिद्ध हुए हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 4 सितंबर और 23 दिसंबर के बाद पहली बैठक के बाद मामलों के निपटारे की गति धीमी और बहुत खराब दोषसिद्ध दर पर चिंता व्यक्त की. नियमानुसार, हर 6 महीने में ऐसी बैठकें होनी चाहिए. सीएम ने एससी/एसटी एक्ट के तहत दर्ज मामलों की त्वरित सुनवाई की मांग की.