बाढ़। मंगलवार को एडीजी कमल किशोर सिंह बाढ़, बख्तियारपुर तथा मोकामा थाने का निरीक्षण करने हेतु पहुंचे। बता दे कि बिहार में क्राईम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (सीसीटीएनएस) के तहत सभी थानों के डिजिटलीकरण किया जा रहा है, जिसको लेकर निरीक्षण के दौरान उन्होंने प्रोजेक्ट के तहत चल रहे काम की जानकारी ली। बाढ़ थाने के थानाध्यक्ष समेत सभी पुलिसकर्मियों ने उनका स्वागत किया।
उन्होंने बताया कि बिहार में सीसीटीएनएस योजना के तहत थानों को डिजिटलाइज करने का काम तेजी से किया जा रहा है। इसके तहत बिहार पुलिस 10 साल के डाटा को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने में जुट गई है। अपराध और अपराधियों का पूरा रिकॉर्ड डिजिटल होते ही पुलिसकर्मियों को रजिस्टर पलटने से मुक्ति मिल जाएगी। सिर्फ एक क्लिक करने से कंप्यूटर पर पूरा डेटा आ जाएगा, जिससे पुलिस को अपराधियों के गतिविधियों पर निगरानी रखना आसान हो जाएगा। अनुसंधान के कार्यों में भी पुलिस को काफी सहायता मिलेगी।
क्या है CCTNS?
राष्ट्रीय अपराध रेकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार –
“अपराध एवं अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क (सीसीटीएनएस) एक योजनागत योजना है जिसको गैर-योजना “सामान्य समेकित पुलिस एप्लिकेशन (सी.आई.पी.ए.)” के अनुभव के आलोक में हुआ था। सीसीटीएनएस भारत सरकार के राष्ट्रीय ई-शासन योजना के अंतर्गत एक प्रकार की मिशन मोड परियोजना है। सीसीटीएनएस का लक्ष्य एक व्यापक एवं एकीकृत प्रणाली विकसित करना है जिसमें ई-शासन के सिद्धांतों को अंगीकरण एवं देशव्यापी नेटवर्किंग संरचना को स्थापित करने के माध्यम से एक दक्ष एवं प्रभावी पुलिस-सेवा में बढ़ोतरी हो तथा सूचना-प्रौधोगिकी –समर्थित-अत्याधुनिक ट्रैकिंग प्रणाली का विकास ‘अपराध की जाँच पड़ताल तथा अपराधियों की खोज’ के कारण हुआ।”