A woman walks past a “G7 Hiroshima” flower installation near the Peace Memorial Museum, ahead of the G7 summit, in Hiroshima, Japan, May 17, 2023. REUTERS/Androniki Christodoulou

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी7 समिट के लिए जापान के हिरोशिमा के लिए रवाना हो गये. दुनिया के 07 धनी देशों का ये संगठन 19 मई से लेकर 21 मई तक उसी हिरोशिमा शहर के सबसे शानदार होटल ग्रैंड प्रिंस में समिट कर रहा है, जहां 1945 में एटम बम गिराया गया था, तब ये शहर भूतिहा शहर में तब्दील हो गया था. 100000 से ज्यादा लोग इसमें मारे गए थे. जी7 इस बार जब हो रहा है तो ये उसके लिए सबसे चुनौती वाला समय है. चीन और रूस हाथ मिलाकर विश्व व्यवस्था पर हावी हो चुके हैं. यूक्रेन पर रूसी जंग एक साल से कहीं ज्यादा समय तक जारी है. भारत इस संगठन का सदस्य नहीं है लेकिन 07 औऱ आमंत्रित देशों के साथ उसे भी इसमें बुलाया गया है.

1990 में जी7 देशों की दुनिया के जीडीपी में 50 फीसदी की हिस्सेदारी थी, अब वह घटकर 30 फीसदी रह गई है. इन देशों की अर्थव्यवस्था चुनौतीपूर्ण स्थितियों से तो गुजर ही रही है, दुनिया पर इनका दबदबा भी कम हुआ है. वैश्विक समीकरण बदल रहे हैं. जब ये समिट इस साल जापान में हो रहा है तो यूक्रेन युद्ध तो सबसे बड़ा मुद्दा है ही और उसके साथ एजेंडे में ये भी शामिल है कि कैसे चीन और रूस के बढ़ते असर को रोका जा सके.

इस समिट में जिन 08 देशों को आमंत्रित स्टेट्स देकर बुलाया गया है, उनमें से ज्यादातर रूस और चीन के दोस्त हैं. ये माना जाता है कि अंतराष्ट्रीय मंचों पर इन 08 आमंत्रित देशों में ज्यादातर रूस और चीन के खिलाफ नहीं जाने वाले, लेकिन इसके बाद उन्हें बुलाया गया है ताकि उन्हें किस तरह अपने साथ लिया जा सके. इस बहाने रूस और चीन पर दबाव भी बना सकें.

By LNB-9

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