नेशनल ब्यूरो, LNB-9 । FDI Policy For Space Sector: केंद्र सरकार भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र की प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) लेकर काफी संजीदा है। लगातार स्टेक होल्डरों द्वारा देश के अतंरिक्ष क्षेत्र में अधिक एफडीआई की मांग हो रही है। इन सबके बीच बुधवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अध्यक्ष एस सोमनाथ का एक बड़ा बयान आया है। इसरो अध्यक्ष ने कहा कि भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए केंद्र सरकार जल्दी ही एफडीआई नीति लेकर आने वाले है।
इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ 26 अक्टूबर, 2022 को भारतीय अंतरिक्ष कांग्रेस के उद्घाटन सत्र में शामिल हुए हैं। आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सोमनाथ ने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के अवसरों को खोजा जा रहा है। जल्दी देश में अंतरिक्ष के क्षेत्र में एफडीआई नीति लोगों के सामने आएगी। उन्होंने सुझाव दिया कि अंतरिक्ष क्षेत्र में अधिक वाणिज्यिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के साथ भारत की बड़ी अर्थव्यवस्था में इस क्षेत्र को एकीकृत करने के लिए काफी अहम हो गया है। अब अंतरिक्ष क्षेत्र में बदलाव की जरूरत है।
इस सत्र को ग्लोबल परामर्श फर्म यूरोकंसल्ट के प्रबंध निदेशक नाथन डी रुइटर ने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र में अब सरकार का ध्यान ज्याद है। इसलिए सरकारी पैसा अब दोगुना लगाया जा रहा है। उसका ध्यान अंतरिक्ष अन्वेषण पर अधिक है, जोकि विधायी। नीतियों के लिए भी लाभदायक है। उन्होंने कहा कि भारत हमारे लिए एक प्रमुख बाजार है।
सूत्रों के अलावा से देश के अंतरिक्ष क्षेत्र में स्टेक होल्डर सरकार से 75 फीसदी एफडीआई की मांग कर रहे हैं। इसके साथ सरकार भी अंतरिक्ष क्षेत्र इंडस्ट्री के मद्देनजर अपने नीति पर बदलाव कर रही है। बीते दिनों कोयंबटूर के इसरो अध्यक्ष डॉक्टर एस सोमनाथ कहा था कि सरकार अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधार करना चाहती है। इसको ध्यान में रखकर अंतरिक्ष नीति-2022 तैयार की गई है। इस सत्र में अंतरिक्ष आयोग के सदस्य एएस किरण कुमार, दूरसंचार विभाग के सचिव के राजारमन सहित अन्य ने भाग लिया।
केंद्रीय अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. डॉ जितेंद्र सिंह ने मानसून सत्र में लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर का था कि सरकार अंतरिक्ष गतिविधियों में निजी क्षेत्र की भागीदारी को सुविधाजनक बनाने के लिए, अंतरिक्ष विभाग, अंतरिक्ष विभाग अंतरिक्ष क्षेत्र में मौजूदा नीतियों को संशोधित किया जा रहा है और नई नीति रूपरेखा तैयार की जा रही है।