बाढ़। उमानाथ में सीढ़ी बनाने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है, लेकिन कार्य सही तरीके से हो रहा है या नही, इस पर स्थानीय नागरिकों के द्वारा आशंका व्यक्त की जा रही है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यह सीढ़ी बनाने का प्रथम लेयर है, परंतु उनकी आशंका जताई जा रही है कि कहीं इसी ढलाई को अंतिम रूप न दे दिया जाये। हालांकि सीढ़ी के दोनों तरफ मुंडेर निर्माण का कार्य चालू है। विदित हो कि गंगा नदी में बाढ़ आ जाने के समय मुख्य घाट को ईंट से बंद कर दिया गया था, क्योंकि उस समय गंगा में लोगों के डूबने की लगातार शिकायत मिल रही थी। मंदिर के परिसर में लाल रंग का पत्थर लगाया जा रहा है। सौंदर्यीकरण के इस प्रयास में उमानाथ मंदिर कितना सुंदर और सुरक्षित हो पाता है, यह आने वाला समय ही बताएगा।