बाढ़ रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या एक पर लंबे समय से हिंदी पुस्तकालय के नाम पर एक बोर्ड चिपका दिया गया है, लेकिन आज तक ना तो यह पुस्तकालय खुलता है और ना ही कोई व्यक्ति इसमें जाकर पुस्तक पढ़ता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह बोर्ड सिर्फ खानापूर्ति के लिए काफी समय से लगा हुआ है, लेकिन यह पुस्तकालय खुलता भी है या नही, किसी को पता नही है। हैरत की बात यह है कि रेल प्रबंधन को भी यह मालूम नहीं कि इसमें किताबें भी है या नही! कई बार रेल प्रबंधन के बड़े पदाधिकारी रेलवे स्टेशन का जायजा लेना पहुंचे लेकिन किसी भी पदाधिकारी का ध्यान इस पुस्तकालय पर नहीं गया, जिसके कारण बदहाल स्थिति में यह हिंदी का पुस्तकालय पड़ा हुआ है।

By LNB-9

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