बाढ़। पंडारक प्रखंड के परसामा पंचायत के मुखिया पद हेतु सपना सिंह ने प्रखंड कार्यालय में जाकर अपना नामांकन पर्चा दाखिल किया। सपना सिंह अपने दल-बल एवं जनसमर्थकों के साथ शनिवार के दिन पंडारक पहुंची, जहां उन्होंने नामांकन पर्चा दाखिल किया। सपना सिंह के समर्थकों में काफी उत्साह देखा गया। समर्थक सपना सिंह के पक्ष में जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे।
सपना सिंह के अनुसार पूर्व के जितने भी मुखिया हुए, विकास का काम ठीक से नहीं किया है। यहां के लोग अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। इसलिए वह विकास करने के उद्देश्य से इस पंचायत से अपना नामांकन दाखिल किया। जीतने के बाद वह नल जल योजना के तहत छूटे हुए काम, पशुओं के लिए शेड की व्यवस्था, शिक्षा में आगे लाने के लिए अलग से यहां के लोगों के लिए शिक्षा की व्यवस्था, खुले में शौच से मुक्ति दिलाने के लिए हर घर में शौच बनवाने का कार्य, आदि करने का वादा किया। फिलहाल सपना सिंह ने नए चेहरे के रूप में सुर्खियां बटोरना शुरू कर दिया है। परसामा पंचायत के लोगों को इस महिला युवा प्रत्याशी के रूप में एक नया भविष्य दिखने लगा है, लेकिन पंचायत में जीतने की राह उतनी आसान नज़र नही आ रही है। पंचायत के शम्भू सिंह को भी युवा मोर्चा का साथ मिल रहा है। 10 साल पूर्व मुखिया रह चुके वीरेंद्र यादव भी इस बार कमर कस के मैदान में हैं। पिछले चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने वाले एक और युवा प्रत्याशी पिंकू सिंह भी मैदान में है। हालांकि अभी यह नहीं कहा जा सकता कि कौन जीतेगा और कौन हारेगा? यह तो जनता की पसंद के ऊपर है कि वह किसे जिताना चाहती है। हालांकि महिला उम्मीदवार होने के नाते परसामा पंचायत की महिलाओं का झुकाव और रुझान सपना सिंह की ओर देखा जा रहा है।
वहीं दूसरी ओर जिला पार्षद क्षेत्र 41 बाढ़ पूर्वी के लिए राणा विजय सिंह ने अनुमंडल कार्यालय में जाकर अपना पर्चा दाखिल किया। उनके साथ समर्थकों की अपार भीड़ थी। पत्रकारों से बात करते हुए राणा विजय सिंह ने कहा कि हम विकास के मुद्दे पर मैदान में हैं। जो विकास का कार्य अब तक जिला पार्षद के माध्यम से नहीं हुआ है, जीतने पर उन सारे विकास कार्यों को किया जाएगा। हमारे पास जनता की वास्तविक भीड़ है न कि पैसे से जुटाया गया भीड़। हमारे मैदान में आने के बाद विरोधी पस्त हो गए हैं। राणा विजय सिंह पर्चा दाखिल करने चंद लोगों के साथ पहुंचे और उन्होंने कहा कि चुनाव आदर्श आचार संहिता का हम सम्मान करते हैं और सरकारी नियमों का शत-प्रतिशत पालन करने में आस्था रखते हैं। हालांकि रणविजय सिंह खुद को एक प्रबल दावेदार मानते हुए अपने आप को विजेता के रूप में मानकर चल रहा है। हालाँकि चुनाव में कुछ भी कहना मुश्किल है। अभी एक माह का वक़्त है और ऊँट किसी भी करवट बैठ सकता है।