बाढ़ अनुमंडल के पंडारक प्रखंड एक ऐसा प्रखंड है जहां शिक्षा विभाग प्रधानाध्यापक बनाने के आड़ में मोटी रकम कमाने का काम कर रहा है। इसका खामियाजा विद्यालय की बदहाली के रूप में सामने देखने को मिल रही है। प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी पंडारक के द्वारा 28 फरवरी 2023 को 60 विद्यालयों को पत्र जारी करते हुए जूनियर शिक्षक को हटाते हुए वरिष्ठ शिक्षक को यथाशीघ्र प्रभार सौंपने का दिशा निर्देश जारी किया है। लेकिन वर्षों से कुंडली मारकर बैठे स्थानीय शिक्षक दबंग प्रवृत्ति के होने के चलते शिक्षा विभाग की एक सुनने को तैयार नहीं है, जिसके चलते विद्यालय की विधि व्यवस्था चौपट हो गई है। सूत्रों की माने तो शिक्षा विभाग पर कुछ बाहरी लोगों का दबदबा है, जिसके चलते पदाधिकारी चाह कर भी वरिष्ठ शिक्षक को प्रधानाध्यापक बनाने में असफल है। प्राथमिक विद्यालय रैली में रंजीत कुमार प्रधानाध्यापक बने हुए हैं जबकि वरिष्ठ शिक्षक दीपक चंद्र सहायक शिक्षक बने हुए हैं। वही ढिबर मध्य विद्यालय में शैलेंद्र कुमार प्रधानाध्यापक हैं, जबकि यहां तीन वरिष्ठ शिक्षक इंतजार में बैठे हुए हैं। सरहन मध्य विद्यालय में गायत्री देवी प्रधानाध्यापिका है जबकि स्नातक शिक्षक वर्षों से इंतजार में बैठे हैं. चक जलाल में सुखदेव कुमार जूनियर होने के बावजूद भी वर्षों से प्रधानाध्यापक बने हुए हैं। यही हाल मानिकपुर मध्य विद्यालय बिहारी मध्य विद्यालय सहित दर्जनों विद्यालय का है। आदमपुर मध्य विद्यालय का हाल यह है कि विजय कुमार को एक तरफ प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सुशीला देवी के द्वारा प्रधानाध्यापक बनाए जाने का पत्र जारी किया गया है। वहीं दूसरी तरफ वहां के जूनियर शिक्षक जो बरसों से प्रधानाध्यापक बने हुए हैं। उनके हस्ताक्षर को अप्रूवल करके विद्यालय के खाता संचालन का काम भी कराया जा रहा है। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि उदय प्रसाद जूनियर शिक्षक हैं लेकिन उनके बच्ची शादी तत्कालीन प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी अरविंद कुमार के पुत्र से होने के बाद और भी मनोबल ऊंचा हो गया है। इलाके के सीनियर शिक्षक अब एकजुटता दिखाते हुए इसकी शिकायत जिला शिक्षा पदाधिकारी सहित शिक्षा मंत्री से करने की बात कही है। माना जा रहा है कि यदि मामले की जांच सही तरीके से कराई जाए तो कई अधिकारी इसके लपेटे में आ जाएंगे। मामले पर जब प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी सुशीला कुमारी पंडारक से बात की गई तो उन्होंने पत्र जारी करते हुए सभी को तत्काल प्रभाव से हटाने की बात कही है। लेकिन एक पखवाड़े बीत जाने के बावजूद भी अभी तक कोई भी जूनियर शिक्षक अपना ताज वरिष्ठ को नहीं दिए हैं।