पटना जिला ब्यूरो, बाढ़। बाढ़ अनुमंडल का बेलछी प्रखंड के किसान बारिश सही तरीके से नहीं होने के चलते काफी चिंतित हैं। उनके खेतों में मोड़ी तो किसी तरह तैयार कर लिया गया है, लेकिन उसे खेत में लगाने के लिए समुचित पटवन की व्यवस्था और आसपास बिजली की व्यवस्था नहीं होने के कारण इस साल किसानों के खेत खाली रह जाने का चिंता किसानों को सताने लगा है। इसको लेकर किसान बेहद तनाव ग्रस्त हैं। इलाके के किसानों का कहना है कि उनके जीवन यापन के लिए खेती ही एक सहारा है। यदि खेती सही तरीके से नहीं हुआ तो उन पर कहर टूट जाएगा। सरकार के द्वारा सूखाग्रस्त घोषित किए जाने के बावजूद भी उनके लिए अनुदान राशि ऊंट के मुंह में जीरा के बराबर होता है।
कौन से किसान हो रहें है ज्यादा प्रभावित?
ज्यादा तो उन किसानों को परेशानी होती है, जो बड़े किसान और जमींदारों से पट्टा पर खेती लेकर अनाज उपजाते हैं। जिनका एक तो पट्टा का पैसा भी डूबता है, दूसरा सरकार के द्वारा अनुदान राशि भी बड़े किसानों को ही मुहैया कराई जाती है, जिसके चलते एक तो किसान को पट्टा का बर्बादी, दूसरा उसके जमा पूंजी भी खेत में ही रह जाने का डर लगा रहता है। इसको लेकर किसानों के चेहरे उतरे हुए हैं। किसानों का कहना है कि बराह पंचायत में खेती करने के लिए पटवन की कोई व्यवस्था नहीं है। यदि नदी किनारे से लोग पटवन करना भी चाहेंगे, तो विद्युत की व्यवस्था नहीं होने के चलते लोगों को दूर से लाइन खींच कर पटवन करने की नौबत आती है।
वहीं विद्युत विभाग के अधिकारी भी विद्युत चोरी के नाम पर किसानों के ऊपर भारी-भरकम जुर्माना ठोक देते हैं। एक किसान सलाहकार के मुताबिक अभी तक महज 22% बारिश होने के चलते इस बार भी इलाके के किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। देर से बारिश होने पर धान के फसल पर भी बुरा असर पड़ेगा।