बाढ़। एक तरफ पूरा देश नए वर्ष की जश्न मनाने में जुटा हुआ है, वहीं दूसरी तरफ गरीब एवं असहाय बीपीएल धारी परिवार दाने-दाने को मोहताज हैं। हालात यह है कि पंडारक प्रखंड के चक जलाल पंचायत के दो जन वितरण दुकानदार की मनमानी से इलाके के लोग दाने-दाने को मोहताज हैं।
ग्रामीणों का आरोप है कि महीना में दो से चार दिन ही दुकान खोलने का काम होता है। पहले तो जन वितरण दुकानदार के पति सुनील कुमार के द्वारा पोस मशीन से ग्राहकों का अंगूठा लगाकर बिल निकाल लेने का काम किया जाता है। बाद में ना तो उन्हें रसीद दिया जाता है और ना ही समुचित माप तोल कर अनाज दिया जाता है। ग्राहकों से ज्यादा पैसे की उगाही की जाती है और प्रति 40 किलो अनाज देने के दौरान 5 से 7 किलोग्राम अनाज कम तौला जाता है। ग्राहकों के द्वारा जब इस तरह की शिकायत दुकानदार से की जाती है तो उनका साफ तौर पर कहना होता है कि आपको जहां जाना है, जिससे शिकायत करना है, कीजिए कहीं से कुछ होने वाला नहीं है।
साथ ही दबंग जन वितरण दुकानदार के भय से लोग चुप रह जाते हैं। कुछ ग्राहकों का कई महीनों से अनाज नहीं बांटा गया है। साथ ही दुकानदार के द्वारा मोटरसाइकिल से अनाज दुकान से निकालकर खुले बाजार में बेच दिया जाता है। आखिरकार ग्रामीणों ने अब दुकानदार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और इसकी शिकायत करीब 1 सप्ताह पहले बाढ़ एसडीओ से की है, लेकिन लिखित शिकायत होने के बावजूद भी अभी तक आरोपी दुकानदार के खिलाफ ना तो जांच हुई है और ना कोई कार्रवाई, जिसको लेकर स्थानीय ग्राहकों में आक्रोश देखा जा रहा है।